Book Title: Jain Darshan aur Sanskriti ka Itihas
Author(s): Bhagchandra Jain Bhaskar
Publisher: Nagpur Vidyapith

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Page 453
________________ ४२९ ७६. धर्मबिन्दु (हरिभद्र) - हिन्दी अनुवाद सहित अहमदाबाद, १९५० ७७. न्यायकुमुदचन्द्र ( प्रभाचन्द्र ) – संपादक : पं. महेन्द्र कुमार, बम्बई, १९३८ ७८. न्याय विनिश्चय विवरण ( वादिराज ) :- संपादक : पं. महेन्द्र कुमार, न्यायाचार्य, काशी, १९४४, १९५४. - — ७९. नन्दिसूत्र • व्याख्याकार : आत्मारामजी महाराज, लुधियाना, १९६६. ८०. नवतत्त्व प्रकरण (सुमंगलाटीका ) - श्री. लालचन्द्र, बडोदरा. ८१. नवपदार्थ - श्रीचन्द्र रामपुरिया, कलकत्ता, १९६१. ८२. नायाधम्मकहाओ - एन्. व्ही. वैद्य, पूना, १९४०. ८३. नियमसार बम्बई, १९१६. - ८४. प्रतिमा विज्ञान - बालचन्द्र जैन, जबलपुर, १९७४. ८५. प्रतिष्ठातिलक ( नेमिचन्द्र ) – सोलापुर. ८६. प्रतिष्ठासारसंग्रह ( वसुनन्दि ) ८७. प्रमाण परीक्षा ―― ८८. प्रमाण वार्तिक - संपादक: राहुल सांकृत्यायन, पटना, वि. सं. २०१०. ८९. प्रवचनसार (कुन्दकुन्द ) - डॉ. ए. एन्. उपाध्ये, बम्बई, १९३५. ९०. प्रवचन सारोद्धार ( नेमिचन्द्र ) - सिद्धसेन टीका सहित, बम्बई, १९२२. ९१. प्रश्नव्याकरणांग - अनुवादक मुनि हेमचन्द्र, सन्मति ज्ञानपीठ, आगरा, - १९७३. ९२. प्राकृत भाषा और साहित्य का अलोचनात्मक इतिहास. - डॉ. नेमिचन्द्र शास्त्री, तारा प्रेस, वाराणसी ९३. प्राचीन भारतीय साहित्य की सांस्कृतिक भूमिका डॉ. राम जी उपाध्याय, इलाहाबाद, १९६६ ९४. पञ्चाध्यायी ( राजमल ) - ग्रंथ प्रकाश कार्यालय, इन्दौर. ९५. पञ्चास्तिकाय (कुन्दकुन्द) - बम्बई, १९०४. ――― ८५. पञ्चाशक विवरण (हरिभद्र ) - भावदेव टीका सहित, भावनगर, १९१२ ९७. पंचसंग्रह ( प्राकृत) - भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, १९६०. ९८. पंचसंग्रह (संस्कृत) - माणिक चन्द्र ग्रन्थमाला, बम्बई, १९२७. ९९. पट्टावली समुच्चय- - दर्शनविजय, बीरमगांव, गुजरात, १९३३. १००. परमात्मप्रकाश ( योगीन्द्र ) - सं. डॉ. ए. एन्. उपाध्ये, आवास, १९६०. FIG - संपादक : ब्र. शीतलप्रसाद, सूरत. सनातन जैन ग्रंथमाला, काशी -

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