Book Title: Jain Darshan Vaigyanik Drushtie
Author(s): Nandighoshvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

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Page 155
________________ 56 Jainism Through Science वैज्ञानिक दृष्टि से सभी खाद्य पदार्थ अल्पाधिक प्रमाण में पाचकरस और बैक्टीरिया से युक्त होते हैं अतः कोई भी पदार्थ हमारे लिए भक्ष्य नहीं बन पाता किन्तु सिर्फ बैक्टीरिया होने से ही सभी पदार्थ अखाद्य नहीं हो जाते हैं । यहां पर यह बात बतानी आवश्यक है कि उड़द, मूंग, चोला, चने, मैथी इत्यादि जिसमें से तेल निकलता नहीं है वैसी द्विदल वनस्पति कच्चे दूध-दही (गोरस) के साथ अभक्ष्य है । किन्तु जिसमें से तेल निकलता है ऐसी द्विदल वनस्पति जैसे कि तिल, मूंगफली, चारोली, बादाम इत्यादि कच्चे गोरस (दूध-दही) के साथ भक्ष्य ही है । द्विदल के बारे में गाथाएँ इस प्रकार है - जंमि उ पिलिज्जते नेहो नहु होइ बिंति तं विदलं । विदले विहु उप्पन्ने नेहजुअं होइ नो विदलं ॥1॥ मुग्गमासाइपभिई विदलं कच्चंमि गोरसे पडइ । ता तस जीवप्पत्ति भणंति दहिए वि दुदिणुवरिं ॥ 2 ॥ ( आनंदसुंदर ) विदलं जिमिउं पच्छा पत्तं मुहं च दो वि धोवेज्जा । अहवा अन्नय पत्ते भुंजिज्जा गोरसं नियमा ॥3॥ यहां दूसरी गाथा में स्पष्ट रूप से बताया है कि तीसरे दिन दही अभक्ष्य हो जाता है । तीसरी गाथा में दही के संबंध में भोजन विधि बतायी है । द्विदल का भोजन करने बाद बर्तन और मुंह साफ करके भोजन करना या दूसरे बर्तन में भोजन करना । अन्यत्र गाथा इस प्रकार मिलती है - मुग्गमास पभिइ आम गोरसे जो भलइ । उवइ तसरासी असंखजीवा मुणेयव्वा ॥1॥ विदले भोयणे चेव कंठे जीवा अणंतसो होइ । उयरंमि गये चेव जीवाण न होइ उप्पत्ति ॥ 2 ॥ 10 3. घी : दूध से दही, दही से छाछ, छाछ से मक्खन और मक्खन से घी बनता है | छाछ को बिलौने पर छाछ में मक्खन ऊपर तैरता है । उसे छाछ से अलग करने के बाद उसे गर्म करने पर घी बनता है । अतः जितने प्रकार के दही हैं उतने प्रकार के घी हैं अर्थात् गाय, भैंस, बकरी और भेडिये के दूध से दही, मक्खन और घी प्राप्त होता है यहीं पर यह शंका उत्पन्न हो सकती है कि दही या छाछ से निकाला गया मक्खन अभक्ष्य है और इसी मक्खन को गर्म करने के बाद तैयार होनेवाला घी कैसे भक्ष्य हो सकता है ? वस्तुतः मक्खन छाछ से अलग करने के बाद प्रायः 48 मिनट तक भक्ष्य होता है । उसके बाद उसमें तद्वर्ण के जन्तु कीडे - लट पैदा हो जाते हैं, अतः छाछ से मक्खन को अलग करने के बाद तुरंत ही घी बनाना चाहिए । वर्तमान में कहीं कहीं घी बनानेवाले जैनेतर लोग छाछ से मक्खन निकालते हैं और दस

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