Book Title: Jain Darshan Bhavna Part 02
Author(s): Punyasheelashreeji
Publisher: Sanskrit Pragat Adhyayan Kendra

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Page 352
________________ २०४०. अर्थागम खंड अमूर्त चिंतन - युवाचार्य महाप्रज्ञ प्रका. अनेकान्त भारती प्रकाशन, अमदाबाद ३८००१५, प्रथमावृत्ती (गुज) संपा. रोहित शाह इ. स. १९९२. अनुप्रेक्षा ना आजवाळा भद्रंकर विजयाजी, प्रका. कुसुम सौरभ केन्द्र, ७ खरिदिया अपार्टमेंट, वासणा बस स्टॅण्डच्यामागे अमदाबाद ७ वि. सं. - २ पुप्फभिक्खू, प्रका. प्यारेलाल ओमप्रकाश जैन सुत्रागमस्टीट एस. एस. जैन बजार, गुडगाव छावनी (हरियाना) प्रथमावृत्ती इ. स. १९७१. अर्चना और आलोक म. उमरावकवरजी 'अर्चना', प्रका. मुनि हजारीमल स्मृति पीपलिया बजार, ब्यावर (राज) संपा. कमला जैन (जीजी), संस्करण २, इ. स. १९८५. प्रकाशन, अन्तर्पथ के यात्री - आचार्य श्री नानेश पंडित रत्न श्री शान्तिमुनि, प्रका. श्री अखिल भारतवर्षिय साधुमार्गी जैन संघ, समता भवन, रामपुरिया मार्ग, बिकानेर (७४०) संदर्भग्रंथसूची ३३४००१ राजस्थान इ. स. १९८२. अभिधान राजेन्द्र कोश भाग १ - ४-५ संपा. मुनि श्री विजय राजेन्द्र सूरिश्वरजी, प्रका. जैन श्वे. संस्था वी. सं. २४४०. अष्ट प्राभृत आगम मुक्ता - आ. कुन्दकुन्द प्रका. परमश्रुत प्रभावक मंडळ श्रीमद्राजचन्द्र आश्रम आगास वाया आनंद १८६९. 1 - • आगमयुग का जैन दर्शन - पण्डि दलसुख मालवणिया प्रका प्रथमावृत्ती इ. स. १९६६. आगम स्वाध्याय पाठमाळा संपा. श्री. कुन्दनऋषीजी म. प्रका. श्री तिलोकरत्न स्था. जैन धार्मिक परीक्षा बोर्ड, आचार्य श्री आनंदऋषीजी मार्ग अहमदनगर ४१४००१ प्रथमावृत्ती १९८६. उपाध्याय श्री केवलमुनिजी म. प्रका. दिवाकर प्रकाशन ए. ७ अवागढ हाऊस, एम. जी. रोड, आगरा २८२००२ इ. स. १९८९. - सन्मति ज्ञानपीठ आगरा - आगमदीप (४-५ आगम गुर्जर छाया) मुनि दीपरत्न सागर प्रका. आगमदीप प्रिय लक्ष्मी मिल्स के पास, श्री. डी. के. ठक्कर, १६ अलका नगर वडोदरा, इ. स. १९९८.

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