Book Title: Jain Darshan
Author(s): Kshamasagar
Publisher: Kshamasagar

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Page 270
________________ आयु (4) देवायु, नरकायु, तिर्यचायु, मनुष्यायु नामकर्म ( 93 ) गति नामकर्म - मनुष्यगति, तिर्यचगति, दवगति, नरकगति जाति नामकर्म - एकन्द्रिय, द्वीन्द्रिय, त्रीन्द्रिय, चतुरिन्द्रिय, पचेन्द्रिय शरीर नामकर्म - ओदारिक शरीर, वेक्रियिक शरीर, आहारक शरीर, तेजस शरीर, कार्मण शरीर वधन नामकर्म - ओदारिक शरीर वधन, वेक्रियिक शरीर वधन, आहारक शरीर वधन, तेजस शरीर वधन, कार्मण शरीर वधन सघात नामकर्म - ओदारिक, वेक्रियिक, आहारक, तेजस, कार्मण शरीर सघात वर्ण - श्वत, रुधिर, कृष्ण, नील, पीत गन्ध-सुरभि, दुरभि स्पर्श-कर्कश नाम, मृदक नाम, गुरुक नाम, लघुक नाम, स्निग्ध नाम, रूक्ष नाम, शीत नाम, उष्ण नाम सस्थान - समचतुरस्र, न्यग्रोधपरिमडल, स्वाति, वामन, कुब्जक, हुडक सस्थान सहनन-वज्रवृषभनाराच, वज्रनाराच, नाराच, अर्धनाराच, कीलक, असप्राप्तासृपाटिका अङ्गोपाग - ओटारिक, वैक्रियिक, आहारक शरीर अङ्गोपाग आनुपूर्वी - नरकगत्यानुपूर्वी, मनुष्यगत्यानुपूर्वी, तिर्यचगत्यानुपूर्वी, 278 / जेनदर्शन पारिभाषिक कोश

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