Book Title: Jain Darshan
Author(s): Kshamasagar
Publisher: Kshamasagar

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Page 269
________________ • कर्म-प्रकृति (8) ज्ञानावरणीय, दर्शनावरणीय, वेदनीय, मोहनीय, आयु, नाम, गोत्र, अन्तराय ज्ञानावरणीय (5) मतिज्ञानावरणीय, श्रुतज्ञानावरणीय, अवधिज्ञानावरणीय, मन पर्ययज्ञानावरणीय, केवलज्ञानावरणीय दर्शनावरणीय (9) चक्षुदर्शनावरणीय, अचक्षुदर्शनावरणीय, अवधिदर्शनावरणीय, केवलदर्शनावरणीय, निद्रा, निद्रा-निद्रा, प्रचला, प्रचलाप्रचला, स्त्यानगृद्धि वेदनीय (2) सातावेदनीय, असाता वेदनीय मोहनीय ( 28 ) दर्शनमोहनीय - मिथ्यात्व, सम्यक्मिथ्यात्व, सम्यक्त्व चारित्रमोहनीय कषाय ( 16 ) अनतानुबधी क्रोध, मान, माया, लोभ अप्रत्याख्यान क्रोध, मान, माया, लोभ, प्रत्याख्यान क्रोध, मान, माया, लोभ, सज्वलन क्रोध, मान, माया, लोभ अकषाय (नो-कषाय) हास्य, रति, अरति, शोक, भय, जुगुप्सा, स्त्रीवेद, पुरुष वेद, नपुसक वेद जैनदर्शन पारिभाषिक कोश / 277

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