________________ - श्री बृहत् सिंहनिष्क्रीडित व्रत कथा [143 ******************************** इस प्रकार 35 उपवास द्वारा यह व्रत पूरा करे। प्रतिदिन अभिषेकपूर्वक नवकार मंत्र पूजन करे। पश्चात् उद्यापन करे। इस णमोकार मंत्र पैंतीसी व्रतके प्रभावसे तो गोपाल नामक ग्वाला चम्पानगरीमें ऋषभदत्त सेठके यहां सुदर्शन नामका पुत्र हुआ था और यह निमित्त पाकर वैराग्य धारण कर उसने कर्मोका नाशकर मोक्ष प्राप्त किया। ३३-श्री बृहत् सिंहनिष्क्रीडित व्रत ___ यह व्रत 177 दिन में समाप्त होता है जिसमें 145 उपवास और 32 पारणाएं होता है। ३४-लघु सिंह निष्क्रीडित व्रत यह व्रत 80 दिनमें पूरा होता है। इसमें 60 उपवास और 22 पारणायें होता है। ३५-महासर्वतोभद्र व्रत यह व्रत 245 दिन में पूरा होता है जिसमें 194 उपवास और 49 पारणे होते है। ३६-सर्वतोभद्र व्रत यह व्रत 100 दिनमें पूर्ण होता है जिसमें 75 उपवास और 25 पारणा होते है। ३७-मुक्तावलि व्रत यह व्रत बृहत्, मध्यम और लघु तीन प्रकारका होता है- बृहत्में 25 उपवास व 9 पारणा होता है। मध्यममें 49 उपवास और 13-13 पारणा होता है। लघुमें प्रत्येक वर्षमें 9 अर्थात् 9 वर्षोमें 81 उपवास करने होते हैं।