Book Title: Jahangir no Vidharmi Pavitra Purusho Pratyeno Adar Author(s): Chotubhai R Nayak Publisher: Z_Jinvijay_Muni_Abhinandan_Granth_012033.pdf View full book textPage 2
________________ २२ डा० छोटुभाई र. नायक शेख मुईनुद्दीन चिश्ती ( मृ० ई० स० १२३६ ) नी दरगाहे जातो (१) अने खाहिश बर आवणे तो पगपाला तेनी जियारत करवानी मानता पहा तेणे मानी, ए संयोगे दरमियान श्रे साथै शेख सलीम चिश्ती ( मृ० ई० स० १५७२ ) नामना नेवुवरसना वृद्ध सूफीनो सहारो मेलववाते तेने मलयो । जहांगीरे पोतेज तेनी आत्मकथा तुजुके जहांगीरीमा (२) अ अंगेग्रेवी विगत पापी छे के "हजरत अर्श-आशियानी (स्वर्गस्थ अकबर ) सल्तनत नी संस्थाज़ारी राखवाने अल्लाह पासे थी तख्त माटे योग्य पुत्रनी मागणी कर्या करता हता, त्य रे तेना मानीता दरबारीयो मां थी कोईक जगा के शेख सलीम नामनो एक दरवेश ा तरफना सूफीयो मां पवित्रता माटे मशहर हे अने अकबरावाद (प्राग्रा) थी बारकोस उपर आवेला सीक्री कस्बा मां रहे छे आपजो आपनीमा ग्रारजू तेमनी पागल प्रदर्शित करो तो मुरादनु झाड़ तेमनी दुवाना सिंचण थी फलाऊ बनशे. ते पछीते हजरत (अकबर) शेखनी मजिल ऊपर गया अने नम्रता अने निष्ठा साथे दिलनी आ बात तेनी आगल जाहेर करी. तेनी मुराद फलशे ग्रेवा शुभ समाचार तेमने शेखे आप्या. त्यारे तेमणे कह य के "हवे हैं बाधाराखु छ्के ते फरजंदने पापनां दामन मां उछेर माटे मूकीश. जेम ने अपनी बाह्य तेमज आंतरिक बरकत थी महान थाय. शेख ये प्रस्ताव मान्य राख्यो अने ते बोल्या कि मुबारक रहे अने तेनू नाम अमे अमारा पोताना नाप उपरज राखी दीधु" थोड़ाज समय मां निष्टाने परिणामे उमेद बर पावी. जन्नत मकानी (४) (स्वर्गस्थ वालिदा) ने प्रसव नो समय नजीक अाव्यो त्यारे तेने शेखने त्यां मोकलवा मां प्रावी अने मारो जन्म फतेहपुर मां शेख सलीम नी मंजिल मां थयो. त्यारे करार कर्या मुजब नाम सलीम राखवा मां पाव्यु" जहांगीर नो चारित्र्य बाबत मा सामान्य रीते जे कोई इतिहासों मां नोधायु होय ते लक्षमा लेवा मां आये तो तेना जन्म समय ना मजकूर रुथेला अने तेना पिता अकबर ना दरबार ना धामिक सहिष्णुत भरेला वातावरण ना प्रभाव ने लई ने मुसल्माने तेमज हिंदू अने अन्य धर्मोना पवित्र पुरुपो मां तेरणेत्यारे श्रद्धा दाखली हती. ए बीजी दृष्टिए विचार करतां ते समये हिंदुनो अने मुसलमानो मां जाहेर मां प्रावता नया मुधरेला संप्रदायो अंगेनु तेनु ज्ञान नहिवत हतु. एकज अल्लाह नी मान्यता थी अने मजहब नी चालु आवती रुढ़िना १. अकबर नामा तबकाते अकबरी, मुन्तखबुत्तवारीख, जहांगीर नामा २. पृष्ठ ३ (दीबाचो) ३. अल्लाह तालानु सोऊ ऊंचा आसमान उपर तख्त होवान मनाय छे अने त्यां जेनो मालो छे ते मोगल सल्तनत दरमियान गुजरेला शहेनशाहोने पावा खिताबो आपवां मा प्रावता । ४. कोई इतिहास मांतेनु नाम मलतु न थी. सुजनराये (खुलास तुत् तवारीख पृष्ठ ३७४ दिल्ली) मा मरियमुज्जमानी (जमाना नी मरियम एटले जीससका इस्तनी माता अंग्रेजी में मेरी) ससंद त्यांरे ते हयातने होवाथी जहांगीर तेने माटे जन्नत मकानी (एटले के जन्नत मां हवे जेनु स्थान छे ते) शब्द वापर्यो छे. मरियमुज्जमानी तेनु अधिकार युक्तनाम हतु, अकबर नी ए बेगम मूल रजपूत राजकुवरी हथी. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9