Book Title: Itihas lekhan ki Bharatiya Avadharna
Author(s): Asim Mishra
Publisher: Z_Vijyanandsuri_Swargarohan_Shatabdi_Granth_012023.pdf
View full book text
________________
१४३५
फाल्गुन सुदि २ शुक्रवार वैशाख सुदि २
-यतीन्द्रसूरि स्मारक ग्रन्थ - इतिहास अभयदेवसूरि के पट्टधर चंद्रप्रभ की आदिनाथ जिनालय, आमदेवसूरि प्रतिमाका लेख मालपुरा शांतिसूरि पार्श्वनाथ की पंचतीर्थी चिंतामणि पार्श्वनाथ
प्रतिमा का लेख जिनालय, किशनगढ़
विनयसागर, संपा. प्रतिष्ठालेखसंग्रह, लेखाक १६२
वहीं, लेखांक १७७
माघ सुदि १३ "
वासुपूज्य जिनालय, नाहटा, पूर्वोक्त, शनिवार
बीकानेर
लेखांक १३९० १४५८ फाल्गुन वदि१ "
सुमतिनाथ की आदिनाथ जिनालय, विनयसागर, पूर्वोक्त, शुक्रवार प्रतिमा का लेख हीरावाडी, नागौर लेखांक १८३, एवं पूरनचंद नाहर,
संपा.,जैन लेख संग्रह, भाग-२,
लेखांक १२३७ १४८२ - यशोदेवसूरि श्रेयांसनाथ की बावन जिनालय, पूरनचंदनाहर, पूर्वोक्त.
प्रतिमा का लेख करेड़ा
भाग-२ लेखांक १९३१ १४८५ मार्गशीर्ष वदि २ "
शांतिनाथ की महावीर जिनालय, नाहटा, पूर्वोक्त, प्रतिमा का लेख बीकानेर
लेखांक १३१७ माघ सुदि५ यशोदेवसूरि पार्श्वनाथ की शांतिनाथ जिनालय, विनयसागर, पूर्वोक्त, गुरुवार प्रतिमा का लेख रतलाम
लेखांक २६२ १४८६ माघ सुदि ११
शांतिनाथ की महावीर जिनालय, वही,लेखांक २६१ शनिवार
प्रतिमा का लेख सांगानेर हरिभद्रसूरि
विजयगच्छीय जिनालय, वही,लेखांक २९७
जयपुर वैशाख सुदि ३ यशोदेवसूरि संभवनाथ की चिंतामणिजी का नाहटा, पूर्वोक्त,
प्रतिमा का लेख मंदिर,बीकानेर लेखांक ७६७ १४९७ ज्येष्ठ सुदि३ "
कुन्थुनाथ
वही, लेखांक ७९५ सोमवार
की प्रतिमा का लेख ज्येष्ठ वदि १२ शांतिनाथ के पट्टधर धर्मनाथ की सुमतिनाथ मुख्य बुद्धिसागर, पूर्वोक्त
यशोदेवसरि प्रतिमाका लेख बावन जिनालय, मातर भाग-२,लेखांक ४८५ कार्तिक सुदि १५ ॥
सुमतिनाथ की शांतिनाथ जिनालय, मुनि कांतिसागर, संपा. प्रतिमा का लेख भिंडी बाजार, मुंबई जैन धातु प्रतिमा का लेख
संभवनाथ की महावीर जिनालय, लेखांक ९५ गुरुवार प्रतिमा का लेख बीकानेर
नाहटा,पूर्वोक्त, लेखांक १२७६ २३. १५०३ तिथिविहीन यशोदेवसूरि नमिनाथ की अनुपूर्ति लेख, मुनि जयंत विजय, संपा.
प्रतिमा का लेख आबू
अर्बुद प्राचीन, जैन लेख संदोह
लेखांक ६३६ arovariandiariordarsansarsansarsansaroroducat६६ Horrowardinidasanilonidindianbidasiardiarianiadride
१४९३
आषाढ सदि
॥
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org