Book Title: Itihas lekhan ki Bharatiya Avadharna
Author(s): Asim Mishra
Publisher: Z_Vijyanandsuri_Swargarohan_Shatabdi_Granth_012023.pdf
View full book text
________________
१.
कल्पसिद्धान्तदीपिका की प्रशस्ति में इन्होंने स्वयं को महेश्वरसूरि का शिष्य कहा है ' --
२.
इतिश्री चंद्रगच्छांभोजदिनमणीनां श्रीमहेश्वरसूरिसर्व्वसूरिशिरोमणीनां पट्टे श्रीअजितदेवसूरिणा विरचिता श्रीकल्पसिद्धान्तदीपिका समाप्ता ।
क्रमांक वि.सं. तिथि / मिति
३.
४.
६..
३. उत्तराध्ययनसूत्रबालावबोध (वि.सं. १६२९ ) ४. आचारांगदीपिका
4. आराधना JRK. P -३१
६. जीवशिखामणाविधि
७.
७. चन्दनबालाबेलि
८. चौबीस जिनावली
८.
१२५७
१३४३
१३४५
१३४५
१३६१
१३७३
१३८३
१४०९
Jain Education International
माघ सुदि १२
माघ सुदि १२ रविवार
आषाढ सुदि ३
• यतीन्द्रसूरि स्मारक ग्रन्थ - इतिहास
वैशाखसुदि १२
माघ सुदि १०
सोमवार
आचार्य या मुनि का नाम
महेश्वरसूरि
गुणाकरसूरि
महेश्वरसूरि के पट्टधर अभयदेवसूरि
फाल्गुन सुदि ११ अभयदेवसूरि
गुरुवार
अजितदेवसूरि के शिष्य हीरानन्दसूरि हुए जिनके द्वारा रचित चौबोलीचौपाई नामक कृति प्राप्त होती है। इसकी प्रशस्ति इन्होंने अपने गुरु- प्रगुरु आदि का उल्लेख किया है। पालीवाल विरुदे प्रसिद्ध, चंद्रगच्छ सुपहाण ।
सूरि महेसर पाटधर, तेजै दीपड़ भाण ।।७।। तासु पसायै हर्षधर, पभणै हीरानंद ।।८।।
चौबोली चौपाई की वि.सं. १७७० में लिखी गई एक प्रति जिनकृपाचन्द्रसूरि ज्ञान भण्डार बीकानेर में संरक्षित है।
पल्लीवालगच्छ से संबद्ध पर्याप्त संख्या में अभिलेखीय साक्ष्य प्राप्त होते हैं, जो वि.सं. १२६१ से लेकर वि.सं. १६८१ तक के हैं। इनका संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है-
प्रतिमा - लेख / शिलालेख
प्रतिमा लेख
पार्श्वनाथ की प्रतिमा का लेख
पार्श्वनाथ की प्रतिमा का लेख
"
शांतिनाथ की प्रतिमा का लेख
पार्श्वनाथ की
प्रतिमा का लेख
आदिनाथ की प्रतिमा का लेख
प्रतिष्ठास्थान
शीतलनाथ जिनालय, कुम्भारवाडो, खंभात
चिंतामणिजी का मंदिर, बीकानेर
केशरिया जी का मंदिर,
देशनोक, बीकानेर
चिंतामणिजीका
मंदिर, बीकानेर
जैन मंदिर,
आव
शांतिनाथ जिना.
भोंय पाडो
खंभात
चिंतामणिजी का मंदिर, बीकानेर
६onion
For Private & Personal Use Only
सन्दर्भ ग्रन्थ
मुनि कांतिसागर, संपा. शत्रुञ्जयवैभव, लेखांक ११
मुनि बुद्धिसागरसूरि, संपा. जैन धातु प्रतिमा लेख संग्रह भाग-२, लेखांक ६५५
श्री अगरचंद नाहटा, संपा. बीकानेर जैन लेख संग्रह,
लेखांक २००
वही, लेखांक २२४४
वही, लेखांक २२७
मुनि कांतिसागर, संपा.
जैन धातु प्रतिमा लेख संग्रह, लेखांक २७
लेखांक २७
मुनि बुद्धिसागर, पूर्वोक्त.
भाग-२, लेखांक ८९९
नाहटा, पूर्वोक्त, लेखांक ४२४
www.jainelibrary.org