Book Title: Ishtopadesh
Author(s): Jaykumar Jalaj, Manish Modi
Publisher: Hindi Granth Karyalay

View full book text
Previous | Next

Page 7
________________ प्रकाशकीय हिन्दी ग्रन्थ कार्यालय के लिए इष्टोपदेश का यह अनुवाद रत्नकरण्ड श्रावकाचार, समाधितन्त्र, अट्ठ पाहुड, परमात्मप्रकाश, तत्त्वार्थसूत्र (प्रभाचन्द्र) ध्यानशतक, योगसार, ध्यानस्तव के अनुवाद की तरह ही हमारे विशेष अनुरोध पर ख्यात साहित्यकार डॉ. जयकुमार जलज ने किया है, मध्यप्रदेश शासन द्वारा भगवान महावीर के २६०० वें जन्मोत्सव पर लिखाई गई और उसी के द्वारा प्रकाशित जिनकी पुस्तक भगवान् महावीर का बुनियादी चिन्तन अल्प समय में ही पन्द्रह संस्करणों और अनेक भाषाओं में अपने अनुवादों तथा उनके भी संस्करणों के साथ पाठकों का कण्ठहार बनी हुई है। पण्डित नाथूराम प्रेमी रिसर्च सिरीज़ के तहत प्रकाशित उक्त सभी अनुवादों की तरह इष्टोपदेश का यह अनुवाद भी मूल रचना का अनुगामी है। इसमें भी कहीं भी अपने पाण्डित्य का हौआ खड़ा करने का तत्त्व नहीं है। शब्दप्रयोग के स्तर पर ही नहीं वाक्यसंरचना के स्तर पर भी यह बेहद सहज और ग्राह्य है। गैरज़रूरी से परहेज़ इसका ध्येय वाक्य है। इसलिए अनुवाद में मूल भाषा के दबाव से मुक्त एक ऐसी सरल भाषा का इस्तेमाल है जैसी संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंश आदि भाषाओं के हिन्दी अनुवादों में साधारणतः प्रयुक्त नहीं मिलती। यह अनुवाद आतंकित किए बिना सिर्फ वहीं तक साथ चलता है जहाँ तक ज़रूरी है और फिर आत्मसाधना के इस स्थितप्रज्ञ ग्रन्थ (इष्टोपदेश) का सहज सान्निध्य पाठक को सौंपता हुआ नेपथ्य में चला जाता है। मूल संस्कृत श्लोक को पर्याप्त मोटे फॉण्ट में और उसके हिन्दी अनुवाद को उससे कम पॉइण्ट के फ़ॉण्ट में मुद्रित किया गया है। इससे ग्रन्थ को पढ़ना सुगम बना रहेगा। सिरीज़ की अन्य कृतियों की तरह ही इसके काग़ज़, मुद्रण, मुखपृष्ठ और प्रस्तुति को भी अन्तरराष्ट्रीय स्तर का बनाए रखने की चेष्टा की गई है। यह भी ध्यान रखा गया है कि मूलश्लोक के ठीक नीचे उसी पृष्ठ पर उसका अनुवाद मुद्रित हो ताकि पाठक को अनुवाद पढ़ने के लिए पृष्ठ न पलटना पड़े। यशोधर मोदी

Loading...

Page Navigation
1 ... 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26