Book Title: Hindi Jain Sahitya ka Sankshipta Itihas
Author(s): Kamtaprasad Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 274
________________ २५५ संक्षिप्त इतिहास] गुलाबराय प्रो.. गेल्ह २१९ गोकलचन्द्र १९० गोपालदास " गोपालसाह ८६ गोमती नदी , १७, १४५ गोरखपुर ११२ गोलापूर्व २२४ गोवदनदास १७९ गौतमरासा ३३, १५ गौतमस्तोत्र.४ गौतमस्वामी ६५ गौरपदास १८ गंग कवि ५८ गंगदास १८५ गंगादास पंडित १६८ ग्यासुहीन बादशाह ६७ ग्लासनप्प प्रो०, ३ गिरनॉट प्रो० ३ चारित्रसार वनिका २१ चारित्रसेनमुनि ८५ चारुदत्तचरित्र २१८ चिदानन्दजी २.५ चिद्विलासवनिका २१८ चूनही १ चेतन कवि १९५ । चेतमदास १०९ | चैन विजय (चन्द्रविजय) १९९ चौबीस तीर्थयारका पाठ २॥ बीसीपाठ ११० चंद्रधरशा गुलेरी २२ दवरदाई २२, ४० चंदवार ९१, ९६ चंद्रशाखा १६२ चण्डकवि १९ चांदमल सेठ १८१ छजमल (५०) २१५ घनमल १६१ छजमल (६०) २१॥ छत्रपति कवि १२, ९. भीतर कवि १३० चतुर्भुजजी वैरागी ११, १५५ सम्पारामजी २०९ चाटसू १८२, २१९ रित्रसार २१९ २०, नगडावन १ , ११, २०६ जगतराय..

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