Book Title: Hindi Jain Sahitya ka Sankshipta Itihas
Author(s): Kamtaprasad Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 273
________________ ૫૪ [हिन्दी जैन साहित्य का । कंचनपुर १०१ खटोलाग्राम २२॥ खतौली १०५ खरगसेन ११२, ख. कवि ११,५४ खरतरगच्छ १५६, २२२ खरौआ २१८ बुमानरासा . खुसरो ५८ खुशालचंद काला १६०, १६१ खेमचन्द्र १६२ कल्याणसिंघई १८० कर्मचम कवि १२० काशी १९१, १९२ काशीनाथ १९. काशीप्रसाद जायसवालजी २२ काष्ठासंघ ११, १३, १२२ किसन सिह १०० कीर्तिविजय १५३ कीरतसिंह ९॥ कुतवन ६३ कुमारपालचरित्र २ शिलचन्द्र २०. कुशलचन्द्रगणि २१८ इंग्लनगर ९२ कुंदकुंदाचार्य .९ कुंवरधर्मार्थी २२० कुवरपाल १११, ११, १२. कृपणकथा २०९ कृपणचरित्र ६७, १८, २९ कृपणजगावनकथा ५. कृपाराम २१५ कृष्णचरित्र ३५ कृष्ण तृतीय राष्ट्रकूट १९ केसमा २१८ केसौदास २०२ कोटकांगड़ा . कोसमकाकिला ९५ गजसिंह ११२, | गणि क्षातिरंग.. गिरिधर मिश्र १५५ गिरिनार ५१, ११, २०४ गिरिनंदण उवझाय ॥ गिरिपुर १ गुणचंद्रमहारक बागडदेशीय १२९ गुणचन्द्र भ. दिल्ली २५० गुणभद्र स्वामी १८९ गुणमाला १९९, गुणसागर १, ११, १५ गुणसरि १२ गुरूपदेवनावाचार | गुलाबराय ११८

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