Book Title: Hindi Jain Sahitya ka Bruhad Itihas Part 3
Author(s): Shitikanth Mishr
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

View full book text
Previous | Next

Page 580
________________ ५६३ २०६ ५०१ कुशल व्यक्ति-नायानुक्रमणिका कल्याण विजय १२८, २३८ कृपाविजय ८०, ३६८ कल्याण विमल ७९ कृपासागर कल्याणसागर ४६, ४९, १४१ कुम्भाराणा १९९, ५१७. ५५२ ।। कुलवर्द्धनसूरि ३५० कल्याणसागर सूरि ७५, ५२१, कुँवर कुशल ६७, ९० ५४८ कुँवर विजय २३८, २६२ कवियण १६६, २३० कस्तूरचंद कासलीवाल ८३, १२४ कुशल कल्लोल १८४ १२५, १६८, २४६, ५०३ कुशलधीर ९१, ९३ कहानजी गणि ७४ कुशलमाणिक्य १८४ कांतिविजय ७५, ७६, ३८१ कुशललाभ ९१, ९३ कांतिविजय II ७७ कुशलविनय ९४, ४१६ कांतिविमल ७९ कुशलसागर ४७, ४८, ९५, ९६ कांतिसागर १७५ १२६, १७८, २९७ कानमुनि १०६ कुशलसुन्दर कानूबाई ९८ कुशलोजी कानो कुसुमश्री १२३ कामताप्रसाद जैन १०५, १८१ केशव १२१, २१०, २१२ कामदेव केशव ऋषि (श्रीधर) ९६. ९७ कालिदास ७२ केशवदास ९५, ९६. ३१७ कालिदास सांकलचंद ५५ ।। केशव मेहता काशीदास १३०, १३१ केशवलाल प्रेमचंद मोदी १८८ कान्ह १२१, ४५४ केसर किशनदास ८०, ८१, ८२, ८५ केसर कुशल किशनसिंह ८२, ८३ केसर कुशल II १०० कीर्तिकुशल १८३. १८४ केसर विमल ७९, १०१ कीर्तिविजय ७५, ७६, ८६, ४६६ केशरी सिंह २४० ५१३ केशी गणधर ७८ कीतिविमल ४३३ क्षमा प्रमोद १०२ कीर्तिसागरसूरि ८६, ८७ क्षमालाभ कीर्तिसिंह ५४९ क्षमाविजय ३५३ कीर्तिसुन्दर ८७, २५७ क्षमा समुद्र २१५ कृपाराम ८०, १७९ क्षमासागर १०३ २१ ९८ १९८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 578 579 580 581 582 583 584 585 586 587 588 589 590 591 592 593 594 595 596 597 598 599 600 601 602 603 604 605 606 607 608 609 610 611 612 613 614 615 616 617 618