Book Title: Hindi Jain Sahitya ka Bruhad Itihas Part 3
Author(s): Shitikanth Mishr
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 608
________________ ३८५ ४०८ २९३ पुस्तक-नामानुक्रमणिका पुण्यदत्त सुभद्रा चौपई ३०१ बारे आरा नी चौपई ५०४ पुण्यपाल गुणसुंदरी रास ३७५ बार भावना नी १२ सञ्झाय पुण्यपाल श्रेष्ठ चौपई १०५ अथवा पुण्यप्रकाश (अराधना) भावना बेली सञ्झाय १३९ नुं स्तवन ४६७ बारमास २१६ पुण्यसार कथा २९६ बारव्रत ग्रहण (टीप) रास १८८ पुण्यसार चौ० २८७ बारवत रास पुण्यसेन चौपई २२२ बारव्रत विचार पुण्यास्रव कथाकोष ८३, ८५ बारव्रत सझाय २०५ पुण्यास्रव कथाकोष बारह भावना ३४० . भाषाटीका २४५ बावनगजा गीत पूष्पदंत पूजा ३३३, ३३४ बावनी ५११ पूजाबत्तीसी ३५ बाहुबल स्वाध्याय प्रेमविलास रास १८६ बाहुबल सञ्झाय फूलमाल पच्चीसी ४७५ बिहारी सतसई टीका बंकचूल रास १०२ बीकानेर गजल बंकचोर की कथा २२, २६३ बीतराग पच्चीसी २४२ बंगडी और देवराज बच्छराज बीरभाण उदयभाण रास ९५ चौपई ४१ बीर स्तवन २१२ बंगला देश की गजल २७३ बीरस्वामी रास २२२ बचनकोश ३१४ बीस तीर्थङ्करों की जयमाल बनारसी विलास १३३ २६, २८ बंभडवाला महावीर स्तवन ४८९ २० विहरमान स्तवन ११४ बलभद्रमुनि वैराग्य संञ्झाय ५७ २० विहरमान जिनस्तव १७१ बलिभद्र गीत ३८५ २० विहरमान जिन गीतानि बसंत पूजा ५९, ६१ ब्रतकथा कोष १०८ बीस स्थानक रास १७० ब्रह्मचर्य अथवा शियल नी ९९, ४३४ नववाड सञ्झाय बुद्धिविजय ब्रह्म बावनी २७४ बुधजन सतसई ब्रह्मविलास बुद्धि बावनी २४२ बाईस अभक्ष निवारण बुद्धिल विमल सती रास ३२० सञ्झाय बुद्धिसेन चौपई २०७ www.jainelibrary.org २८ बीशी १५ ३१७ Jain Education International For Private & Personal Use Only

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