Book Title: Hindi Jain Sahitya ka Bruhad Itihas Part 3
Author(s): Shitikanth Mishr
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi
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७०
१९५
१५
३९६
४०४
मरुगुर्जर हिन्दी जैन साहित्य का बृहद् इतिहास विक्रम चौबोली
३० वीर वृहत् स्तवन गाथा । विवाह पटल भाषा ३०, ४११ वीर जिन स्तवन विनती
२६, २४ वीरचरित विषापहार स्तोत्र
२५ वीर जिनवर निर्वाण विवकविलास
दिवाली
२३२ विचार छत्तीसी
१८४ वीर २७ भव स्तव विजयदेवसूरि निर्वाणरास ४१५ वीर विलास फाग ४९१ वृहज्जिन वाणीसंग्रह २५० वीशी
४६३ विशालकीर्ति कोदेहुरो
वैदर्भी चौपई ३१, ३०५, ५२७ विजयदेवसूरि निर्वाण २३५ वैराग्य छत्तीसी विजयदेवसूरि सञ्झाय
वैद्यकसार
१७९ विद्यासागरसूरि रास
२६९ वैद्यविनोद विवेकविलास
२४५ शंखेसरजी नो सलोको २२५, विचारसार प्रकरण २३४
२२६, ५२ विक्रमादित्य रास २९२ शंखेसर पाश्र्व जिनराज गीत ५९ विक्रम पंचदंड चौपई ४४७ ४२५ शंखेसर पार्श्वनाथ स्तवन ४९३ वृद्धिविजय रास ५१८
२९८, ६०, २५२ विक्रम ९०० कन्या चौपई ४४७ शकुन दीपिका
४४७ विष्णुकुमार मुनि कथा ४७९ शकुनदीपिका चौपई ४४९ विजयप्रभसरि निर्वाण
शत अष्टोत्तरी स्वाध्याय ४७९ शत्रुजय गीत
२५५ विमलसिद्धि गुरुणी गीतम् ४८६ शत्रुजय चैत्र परिपाटी स्तव २३३ विजयसिंह सूरि निर्वाण शत्रुजय तीर्थमाला उद्धाररास ५५ स्वाध्याय
४64 शत्रुजय तीर्थमाला ४९७, ४७१ विनयचंद मुनि कुसुमांजलि ४६४ शत्रुजय मंडनयुगादिदेवस्तव १९० विनयसौरभ (संग्रह) ४६८ शत्रुजय माहात्म्य रास १७१ विक्रमादित्य चरित्र ३६३ शत्रुजय रास विक्रमादित्यसुत विक्रमसेन शत्रुजय वृहत्सव १०३ चौपई ३६४ शत्रुजय स्तवन
४७२ बिजयदेव निर्वाण रास ३६९ शांतिजिन रास
४१३ विमलमंत्रीसर नो सलोको ४७४ शांतिजिन वंदन २४२ विजयाणंदसूरि निर्वाण
शांतिजिन स्तवन १८७, २१२ सञ्झाय
३२५ शांतिनाथ चरित्र ५१०
३२१
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