Book Title: Hindi Jain Sahitya ka Bruhad Itihas Part 3
Author(s): Shitikanth Mishr
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi
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४२१
व्यक्ति-नायानुक्रमणिका रामचन्द्र ४२, १३०, २१५, ४०३ लक्ष्मीवल्लभ ११, १४, ४२५ रामचन्द्र मिश्र
४०३ लक्ष्मीविजय २०५, २८०, ४३१ रामचंद चौधुरी ४०३
४३२, ५०४ रामचन्द बालक २१, ४०२ लक्ष्मीविनय
४३२ रामचन्द शुक्ल
२४७ लक्ष्मीबिमल रामदेव
४२४ लक्ष्मीसागर ४६, ४६१ रामविजय १४,४०८, ४१५ लघुजी
४४३ वाचक रामविजय-रूपचंद ४१० लन्धिरंग
लब्धिरत्न रामविमल
४१६, ५३७ लब्धिरुचि
४३५, ४५८ रामसिंह
८९ लब्धिविजय ३२५, ३५२ (सवाई भाई) रायचन्द ५५, ३७२
४३७, ४३० रायचन्द २३०, ४१७ लब्धिविमल
४२२ रायचन्द II ४१८ लन्धिसागर
२०६, ४३९ (अध्यात्मी) रायचन्द ४१९ लन्धोदय गणि
४४० रायचन्द नागर
४१७ ललितकीर्ति ३०, ८३, २९९ रायसिंह
११३, ११४ सचिरविमल
४१९ ललितसागर
१९१ रूपऋषि
१२१ (पं०) लाखो
८, ४३५ रूपचन्द १२, २७७, ५४९ लाधाशाह
४४३ रूपभद्र
४२० लाभकुशल
४४६ रूपराज
१२४ लाभवर्द्धन
१४, ४४७ रूपविषय ३५४, ३७३ लाभविजय रूपविमा
लाभविमल
४९१ रूपसिंह ९६, १२१, २१२ लाभानंद रूपहर्ष ७०, ११६ लावण्यसागर
२९२ (राव) लखपत सिंह ६७, ९० लालकुंवर लक्ष्मीकीति
४२५ लालचन्द-लाभवर्दन ४४६ लक्ष्मीचन्द
_ १२१ (पांडे) लालचन्द १४, १७ लक्ष्मीचन्द्र ४२१, ४३८, ४५० लालचन्द जैन १६८, ४४९ लखमीदास १०७, ४२२ लालजी साहु
३१६ लक्ष्मीरत्न ४२३ लालरत्न
४४९ लक्ष्मीरुचि
१८४ लालविजय
४००
४९२
४२०
१२
५३७
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