Book Title: Hindi Jain Patrakarita Itihas evam Mulya
Author(s): Sanjiv Bhanavat
Publisher: Z_Shwetambar_Sthanakvasi_Jain_Sabha_Hirak_Jayanti_Granth_012052.pdf
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डॉ. संजीव भानावत
हर्षचन्द के सम्पादन में हो रहा है। सन् 1969 में प्रकाशित पत्रों में लुधियाना से साप्ताहिक "आर्य संस्कार", उदयपुर से मासिक "महावीर नन्दन", जोधपुर से मासिक "ओसवाल हितैषी" आदि प्रमुख है। सन् 1970 में आचार्य श्री आत्माराम जैन प्रकाशन समिति, लुधियाना की ओर से मासिक "आत्म रश्मि" का प्रकाशन हुआ। इसी वर्ष दिगम्बर जैन संस्कृति सेवक समाज, दिल्ली की ओर से मासिक "जैन संस्कृति" का प्रकाशन किया गया। इसका प्रकाशन मथुरा से होता था। अप्रैल 1970 में ही "जैन दर्पण" का प्रकाशन जयपुर से हुआ। फिरोजाबाद से "पद्मावती संदेश" तथा जोधपुर से "जैन शासन" का प्रकाशन भी इसी वर्ष में हुआ।
15 मई 1971 से इन्दौर से डॉ. नेमीचन्द जैन के सम्पादन में "तीर्थंकर" मासिक का प्रकाशन शुरु हुआ। "तीर्थकर" वस्तुतः एक विचार मासिक है, जिसका प्रकाशन "विकृतियों से विचार के स्तर पर जूझने और मनुष्य को मनुष्य के स्प में प्रतिष्ठित किये जाने की स्वाभाविक सम्भावनाओं को ढूंढ़ निकालने के प्रयत्न के संकल्प के साथ हुआ। फरवरी 1971 में अ.भा. दिगम्बर जैन समिति, दिल्ली में परसादी लाल पाटनी के संपादन में
2500वाँ निर्वाण महोत्सव बलेटिन" प्रकाशित हुआ। बाद में इसका प्रकाशन मेरठ से दिगम्बर जैन महासमिति "बुलेटिन" के नाम से होने लगा। इसके संपादक अक्षय कुमार जैन हो गये। वर्तमान में यह पत्रिका "दिगम्बर जैन महासमिति पत्रिका" के नाम से पाक्षिक रूप से जयपुर से फूलचन्द जैन के संपादन में प्रकाशित होती है।
सन 1971 में इन्दौर से मासिक "सन्मति वाणी" का प्रकाशन किया गया, सन 1972 में बीकानेर से "अणुवीक्षक" साप्ताहिक का प्रकाशन हुआ। 1972 में ही धार्मिक पाक्षिक पत्रिका "शांतिज्योति" का प्रकाशन जोधपुर से हुआ। इसी वर्ष दिसम्बर माह में जयपुर से रामरतन कोचर के संपादन में मासिक "वल्लभ संदेश" का प्रकाशन हुआ। यह पत्र जैनाचार्य वल्लभ विजयजी द्वारा प्रतिपादित समन्वय व सर्वधर्म समभाव की भावना लेकर प्रकाशित किया जा रहा है। वर्तमान में इसके संपादक विमल चन्द्रकोचर है।
सन् 1923 में मेवाड़ कान्फरेंस का प्रकाशन किया गया। सितम्बर 1973 में अ.भा. तेरापंथ युवक परिषद्, लाडनूं ने कमलेश चतुर्वेदी तथा विजयसिंह कोठारी के संपादन में मासिक "युवालोक" का प्रकाशन किया। बाद में इसका नाम "युवादृष्टि" हो गया। वर्तमान में इसका प्रकाशन गंगाशहर (बीकानेर) से कमलेश चतुर्वेदी के संपादन में हो रहा है। जनवरी सन् 1973 में जैन विश्व भारती, लाडनूं की त्रैमासिक पत्रिका "अनुसंधान पत्रिका" का प्रकाशन हुआ। इसके प्रधान संपादक डॉ. महावीरराज गेलड़ा तथा संपादक रमेश जैन थे। जनवरी 1975 में इसका नाम "तुलसी प्रज्ञा" हो गया। वर्तमान में यह लाडनूं से डॉ. नथमल टाटिया के संपादन में प्रकाशित हो रही है। इसमें शोध एवं चिन्तन प्रधान लेखों की प्रधानता होती है। इसमें अंग्रेजी भाषा के लेखों का भी प्रकाशन किया जाता है।
सन् 1973 में "युगवीर" मासिक का प्रकाशन पटना से हुआ। इसी वर्ष दिगम्बर जैन त्रिलोक शोध संस्थान के मुखपत्र "सम्यक् ज्ञान" का प्रकाशन हस्तिनापुर (मेरठ) से हुआ। सन् 1974 में दिल्ली से "विश्व धर्म" मासिक, कलकत्ता से पाक्षिक, "मंगलज्योति", हैदराबाद से "जैन सेवा संघ संदेश", गोहाटी से "पार्षद", दिल्ली से साप्ताहिक "महावीर मिशन", मासिक "वर्धमान", लखनऊ से मासिक "ज्ञानकीर्ति", सागर से मासिक "ज्ञान मंजूषा", गिरडीह से मासिक "पारसवाणी" आदि पत्रों के प्रकाशन हुए। जून 1974 में ही भगवान महावीर 2500वें निर्वाण महासमिति के मासिक प्रकाशन के रूप में दिल्ली से "वीर परिनिर्वाण" पत्रिका प्रकाशित हुई। इसके प्रधान संपादक अक्षयकुमार जैन थे।
जनवरी 1975 में प्रकाशजैन बांठिया के संपादन में मासिक "विश्वेश्वरमहावीर" का प्रकाशन जोधपुर से हुआ। मार्च 1975 में आचार्य श्री हस्तीमल जी म. की प्रेरणा से श्री महावीर जैन श्राविका समिति, जोधपुर की ओर से मासिक "वीर-उपासिका" का प्रकाशन प्रारम्भ हुआ। इसकी प्रथम संपादिका श्रीमती रतन चौरड़िया थीं।
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