Book Title: Hindi Jain Patrakarita Itihas evam Mulya
Author(s): Sanjiv Bhanavat
Publisher: Z_Shwetambar_Sthanakvasi_Jain_Sabha_Hirak_Jayanti_Granth_012052.pdf

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Page 12
________________ हिन्दी जैन पत्रकारिता का इतिहास एवं मूल्य वर्तमान में यह पत्रिका डॉ. नरेन्द्र भानावत तथा श्रीमती सुशीला भंडारी के संपादन में मद्रास से प्रकाशित हो रही है। सन् 1975 में ही माण्डोलीनगर (जालोर) से श्री शान्तिसेवा संघ की ओर से पाक्षिक "शान्ति ज्योति" का प्रकाशन हुआ। 1975 में ही इन्दौर से "जैन समाज के रीति रिवाज", बंगलौर से "समता संदेश", दिल्ली से "अपरिग्रह" आदि मासिक पत्रों का प्रकाशन हुआ। नवम्बर 1975 से फरवरी 1976 तक जोधपुर से "विश्व कल्याण" का प्रकाशन हुआ, जो कालान्तर में "अरिहन्त" से मिल गया। अब यह मेहसाणा (गुजरात) से छपता है। अक्टूबर 1976 में आगरा से श्रीमती उषारानी लोढ़ा के संपादन में मासिक "श्रमण भारती" का प्रकाशन हुआ। सन् 1983 में मासिक "श्रमण भारती" के साथ-साथ साप्ताहिक "श्रमण भारती" का भी प्रकाशन श्रीमती लोढ़ा के संपादन में होने लगा। अक्टूबर 1976 में ही जैन दिवाकर श्री चौथमल जी म.सा. के शताब्दी वर्ष में जैन दिवाकर नवयुवक मण्डल, रतलाम से मासिक "जैन दिवाकर" का प्रकाशन किया गया। जे.एम. दस्तानी के संपादन में दिल्ली से इसी वर्ष तेरापन्थी समाज का पाक्षिक पत्र "तेरापंथी" प्रारम्भ हुआ। चंडीगढ़ से जनवरी 1977 में "युवा स्तम्भ" का प्रकाशन किया गया। जनवरी 1977 में ही दिल्ली से "समन्वय संदेश" नामक त्रैमासिक शुरू हुआ। मार्च 1977 में अ.भा.जय गुंजार प्रकाशन समिति ने ब्यावर से "जय गुजार" मासिक का प्रकाशन किया। वर्तमान में डॉ. तेजसिंह गौड़ इसके संपादक हैं। अप्रैल 1977 में विदिशा (म.प्र.) से पं रतनचन्द भारिल्ल के सम्पादन में "जैन पथ प्रदर्शक" समिति की ओर से पाक्षिक "जैन पथ प्रदर्शक" का प्रकाशन किया गया। अगस्त 79 से इसका प्रकाशन जयपुर से हो रहा है। मई 1977 में मासिक पत्र "तित्थयर" का प्रकाशन कलकत्ता से हुआ। इसके संपादक गणेश ललवानी तथा राजकुमारी बेगानी हैं। इसी वर्ष पाक्षिक "तेरापंथ भारती" का प्रकाशन कलकत्ता से हुआ। जुलाई 1977 में श्री सुधर्म प्रचारक मण्डल, जोधपुर की ओर से मासिक "सुधर्म प्रवचन" का प्रकाशन हुआ। सितम्बर 1977 में धार (म.प्र.) से "ओसवाल जैन" का प्रकाशन हुआ। इस वर्ष के अन्य प्रमुख पत्र थे -- "सुशील समाचार", "जैन एकता" (जालंधर), "बंधन तोड़ो" (उदयपुर), "समाचार पत्रक" (कलकत्ता) तथा "तारण बन्धु" (भोपाल)। जनवरी 1978 में रायपुर से "जैन श्री" मासिक का प्रारम्भ हुआ। फरवरी 1978 में बामनिया (म.प्र.) से मासिक "श्री राजेन्द्र विद्याप्रकाश" का प्रकाशन किया गया। 15 अगस्त 1978 को बाडमेर से भूरचन्द जैन की प्रेरणा से प्रकाशचन्द बोहरा के सम्पादन में "जैन तीर्थंकर" नामक पाक्षिक पत्रिका का प्रकाशन हुआ। सन 1979 में उदयपुर से पाक्षिक "जगत वल्लभ" तथा "सम्यक् बोध" का प्रकाशन हुआ। जून 1979 को बंगलौर से अ.भा. अहिंसा प्रचार संघ की ओर से मासिक "अहिंसा दर्शन" का प्रकाशन प्रारम्भ किया गया। इस पत्रिका के संपादक एस. श्री कष्ठूमूर्ति हैं। इसी वर्ष महावीर मित्र मण्डल, रायपुर की ओर "मित्रमहावीर" का प्रकाशन हुआ। 1979 में ही सादड़ी (मारवाड़) से मोहन कुमार पुनमिया के संपादन में साप्ताहिक "मुनिघोष" का प्रकाशन किया गया। सन् 1985 में यह पाक्षिक हो गया। सन् 1980 में कलकत्ता से "तेरापंथ प्रकाश" का प्रकाशन हुआ। इसी वर्ष रतलाम से मासिक "जैनमणी" प्रकाशित हुई, जिसका नाम "जैन नवोदय" कर दिया गया। जून 1980 में मद्रास से "विचक्षण ज्योति" नामक साप्ताहिक पत्रिका प्रारम्भ की गयी। तुलसी अध्यात्म नीडम्, लाडनूं की मुख पत्रिका "प्रेक्षाध्यान" का प्रकाशन भी इसी वर्ष हुआ। सन् 1980 में सोनागिर (दतिया) से "स्यादवाद ज्ञान गंगा" का प्रकाशन किया गया। मार्च 181 में बुन्देलखण्ड से "वीतराग वाणी" का प्रकाशन हुआ। अप्रैल 1981 में बम्बई से सावित्री कोचर के संपादन में ओसवाल मित्र मण्डल की त्रैमासिकी "ओसवाल जगत" प्रकाशित हुई। 5 अप्रैल 1981 को जयपुर से अखिल बंसल के संपादन में "समन्वय वाणी" का प्रकाशन हुआ। अप्रैल 1981 में ही दिल्ली से नेमीचन्द जैन के 93 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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