Book Title: Hemchandracharya tatha Yogshastra
Author(s): Peter Piterson
Publisher: ZZ_Anusandhan

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Page 3
________________ फेब्रुअरी २०११ कलां सुकृत माटे आ देशनी प्रजाओ तेनो मोटो उपकार मानवो घटे छे. जगतमां दरेक देशनी खरी दोलत ओ तेना महापुरुषो छे. ने दरेक देशना लोको पोताना अ महापुरुष तरफ पूज्यभावथी जुए अ स्वाभाविक छे. मारी जिंदगीनां घणांक वर्ष आ भूमिमां गळायेलां होवाथी हुं पण आ भूमि तरफ प्रीतिभाव राखनारो छं, ने आ भूमिनो अक रहीश छं. तेवा ओक रहीश तरीके आ व्याख्यान हुं तमने आपवा नीकळ्यो धुं, ने तेवा भावथी ज तमे आ व्याख्यान श्रवण करजो. ४१ विक्रमना वर्ष ११४५ कार्तिक महिनानी पूर्णिमाने दिवसे ख्रिस्ती वर्ष १०८८-८९मां, धंधुका शहेर जे अमदावाद जिल्लामां आवेलुं छे, त्यां ओक ओवं बाळक जन्म्युं हतुं के जे उंमरे पहोंचतां जैन लोकोनो अक नामीचो धर्मगुरु थनार हतो. तथा बे मोटा राजाओनो धर्मसम्बन्धी सलाहकार थनार हतो. तमे सौ हिन्दुस्तानना इतिहास करतां इंग्लेन्डनो इतिहास वधारे जाणो छो. तेथी तमने जणाववुं ठीक पडशे के इंग्लेन्डमां नोर्मन वंशनो पहेलो राजा वीलीयम धी कोंकरर जे वर्षमां मरण पाम्यो ते वर्षथी ओक अन्तरे आ महापुरुषनो जन्म थयो हतो. आ बाळकना मातापिता साधारण वणिकज्ञातिना हता. बापनुं नाम चाचीग तथा मातानुं नाम पाहीनी हतुं. हमणां जेम हिन्दु स्त्रीओ दररोज भक्तिभावथी देवालयोना दर्शनार्थे जाय छे, तेवी ज रीते ते वखते पण हिन्दु स्त्रीओ जती. पाहीनी पण ओम देरे जती ने देशमां मुकाम करता जता आवता साधुओनो सुबोध हंमेशां श्रवण करती. विशेषे करीने देवचन्द्र नामना ओक साधुना बोधनी पाहीनीने ममता हती. तेने तेणीओ ओक दिने जणाव्युं के तेने ओक अवुं विचित्र स्वप्न आगली रात्रिओ आव्युं हतुं के तेणीने पेटे चिन्तामणिरत्ननो जन्म थशे. देवचन्द्रे ए स्वप्ननो तेणीने ओवो खुलासो आप्यो के तेणीने पेटे ओक पुत्ररत्न अवतरशे ने अ पुत्र जैनधर्मनुं कौस्तुभरत्न थइ पडशे. ओ मुजब पाहीनीने पुरे दहाडे पुत्र ज प्रसव्यो ने तेने 'चंगदेव' अवुं नाम आपवामां आव्युं. पाहीनी पोताने आवेलुं उपलुं स्वप्न बिलकुल भूली गई हती. ने उपला साधु देवचन्द्रे ते स्वप्ननो आपेल खुलासो पण भूली गई हती. अ वातने पांच वर्ष वीती गयां. ओक दहाडो से पोताना पांच वर्षना थयेला छोकराने

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