Book Title: Haimanushasana Trikam
Author(s): Kalapurnasuri
Publisher: Mahavir Tattvagyan Pracharak Mandal

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Page 141
________________ 132 श्रीहेमचन्द्राचार्यविरचित यश्च स्यादसमाहारे, द्वन्द्वोऽश्ववडवाविति // 6 // वाकोत्तरा नक्तकरल्लकाङ्का, न्युडोत्तरा सङ्गतरजरजाः / परागपूगौ सृगमस्तुलुङ्गकुडनकालिङ्गतमङ्गमङ्गाः // 7 // वेगसमुद्रावपाङ्गवौ घार्घा मञ्चसपुच्छपिच्छगच्छाः / वाजौजकिलिञ्जपुञ्जमुजा अवटः पट्टहठप्रकोष्ठकोप्ठाः // 8 // * अङ्गुष्ठगण्डौ लगुडप्रगण्डकरण्डकूष्माण्डगुडा: शिखण्डः / वरण्डरुण्डौ च .पिचण्डनाडीव्रणौ गुणभ्रणमलक्तकुन्तौ // 9 // पोतः पिष्टातः पृषतश्चोत्पातवातावर्थकपर्दी / / बुबुदगदमंगदो मकरन्दो, जनपदगन्धस्कन्धमगाधः // 10 // अर्धसुदर्शनदेवनमहाभिजनजनाः परिघातनफेनौ / पूपापूपौ सूपकलापौ रेफः शोफः स्तम्बनितम्बौ // 11 // शम्बाम्बौ पाञ्चजन्यतिष्यौ पुष्यः सिचयनिकाय्यरात्रवृत्राः मन्त्रामित्रौ कटप्रपुण्डाऽऽराः कल्लोलोल्लौ च खल्लतल्लौ // 12 // कण्डोलपोटगलपुद्गलकालबाला वेला गलो जगलहिंगुलगोलफालाः / स्याद्देवलो बहुलतण्ड्डलपत्रपाल वातूलतालजडुला भृमलो निचोलः // 13 // कामलकुद्दालावयवस्वाः, सुवरौरवयावाः शिवदावो / माधवपणवादीनवहावध्रुवकोटीशांशाः स्पशवंशौ // 14 // कुशोड्डीशपुरोडाशवृषकुल्मासनिष्कुहाः / अहनिए हकलहाः, पक्षराशिवराश्यषिः // 15 //

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