Book Title: Haimanushasana Trikam
Author(s): Kalapurnasuri
Publisher: Mahavir Tattvagyan Pracharak Mandal
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________________ कलिकालसर्वज्ञ श्रीहेमचन्द्राचार्यप्रणीतानि श्रीकाव्यानुशासनसूत्राणि / 1 अकृत्रिमखादुपदां परमार्थाभिधायिनीम् / __ सर्वभाषापरिणतां जैनी वाचमुपास्महे // 1 // 2 शब्दानुशासनेऽस्माभिः साध्व्यो वाचो विवेचिताः। तासामिदानी काव्यत्वं यथावदनुशिष्यते // 2 // 3 काव्यमानन्दाय यशसे कान्तातुल्यतयोपदेशाय च / 4 प्रतिभाऽस्य हेतुः / 5 सावरणक्षयोपशममात्रात्सहजा / 6 मन्त्रादेरौपाधिकी। 7 व्युत्पत्त्यभ्यासाभ्यां संस्कार्या / 8 लोकशास्त्रकाव्येषु निपुणता व्युत्पत्तिः / 9 काव्यविच्छिक्षया पुनः पुनः प्रवृत्तिरभ्यासः / 10 सतोऽप्यनिबन्धोऽसतोऽपि निबन्धो नियमश्छा याद्युपजीवनादयश्च शिक्षाः। 11 अदोषौ सगुणौ सालंकारौ च शब्दार्थो काव्यम् / 12 रसस्योत्कर्षापकर्षहेतू गुणदोषौ भक्त्या शब्दार्थयोः /
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