Book Title: Haim Sanskrit Dhatu Rupavali Part 02
Author(s): Dineshchandra Kantilal Mehta
Publisher: Ramsurishwarji Jain Sanskrit Pathshala

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Page 284
________________ દશમા ગણનો ધાતુસાધિત શબ્દ ધાતુ पूज् वर्ण् દશમા ગણના ધાતુસાધિત શબ્દ सान्त्व् चुर् घुष् तुल् भूष् तड् चिन्त् चिन्त चिन्तन चिन्त दण्ड् दण्ड दण्डन दण्ड पीड् पीड पीडन पीड अ (अल् अन अच्) (अनट्) (घञ) पूज वर्ण सान्त्व सान्त्वन चोर चोरण घोष घोषण तोल तोलन पूजन वर्णन भूष भूषण ताडन पारण पालन भक्षण कथन गण गणन रच रचन गर्ज गर्जन ताड पार पाल भक्ष · कथ पृ पल् भक्ष् कथ् गण् रच् गर्ज क्षल् क्षाल क्षालन मूलन मूल् मूल वर्ज् वर्ज वर्जन अर्पू अर्प अर्पण अ अक तृ ति (णक) (तृच्) (क्ति) चिन्तक चिन्तयितृ चिन्तना दण्डक दण्डयितृ दण्डना पीडक पीडयितृ पीडना पूजक पूजयितृ पूजना वर्णक वर्णयितृ वर्णना मृग् मृग मृगन मान् मान मानन पूज वर्ण सान्त्व चोर घोष तोल सान्त्वक सान्त्वयितृ सान्त्वना चोरक चोरयितृ चोरणा घोषक घोषयितृ घोषणा तोलक तोलयितृ तोलना भूष भूषक भूषयितृ भूषणा ताड ताडक ताडयितृ ताडना ૫૬૩ पार पारक पाल भक्ष कथ गण रच रचक गर्ज क्षाल मूल वर्ज अर्प मृग मान पारयितृ पारणा पालक पालयितृ पालना भक्षक भक्षयितृ भक्षणा कथक कथयितृ कथना गणक गणयितृ गणना रचयितृ रचना गर्जक गर्जयितृ गर्जना क्षालक क्षालयितृ क्षालना मूलक मूलयितृ मूलना वर्जक वर्जयितृ वर्जना अर्पक अर्पयितृ अर्पणा मृगक मृगयितृ मृगणा मानक मानयितृ मानना

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