Book Title: Haim Sanskrit Dhatu Rupavali Part 02
Author(s): Dineshchandra Kantilal Mehta
Publisher: Ramsurishwarji Jain Sanskrit Pathshala

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Page 286
________________ कुपिति क्रुद्धि क्रोद्ध पोष पुष्टि દશમા ગણનો ધાતુસાધિત શબ્દ ૫૬૫ ચોથા ગણના ધાતુસાધિત શબ્દ धातु अ (अल्/ अन | अ | अक | तृ । ति अच्) (अनट् ) (घञ) (णक) (तृच्) | (क्ति) कोपन कोप कोपक | कोपितृ | क्रोधन क्रोध क्रोधक पोषण पोषक | पोष्ट । नर्तन नर्तक | नर्तित नशन नाशक |नशितृ/नष्ट | नष्टि तोषण तोषक | तोष्ट । तुष्टि मोहन मोह मोहक | मोहित | मूढि मोग्धृ/मोढ मुग्धि लोटन लोट लोटक | लोटितृ | लुटिति | लोभन | लोभ | लोब्धृ | लुब्धि लोभित क्षोभण क्षोभक क्षोभित मदन मादक मत्ति श्रमण श्रामक श्रमित श्रान्ति शमन शामक शमितृ शान्ति जनन जानक जनित जाति योधन योधक सेधन सेधक सिद्धि अर्धन अर्धक अर्धित | ऋद्धि द्रोहन द्रोहक | द्रोहित/ | द्रोहिति द्रोग्ध/द्रोद शोषण शोषक | शोष्ट | शुष्टि तर्पण तर्प तर्पक | तर्पितृ/ | तृप्ति तप्र्तृ/त्रप्तृ 丽丽丽时丽丽丽,亚洲咖职丽丽丽丽丽開砲丽时 क्षोभ क्षुब्धि माद मदित श्राम शाम जान योद्ध युद्धि

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