________________
११ अंग
१२ उपांग
४ मूल सूत्र | ६ छेद सूत्र | १० प्रकीर्णक |२ चूलिका सूत्र
Jain Education International
आवश्यक
उत्तराध्ययन
• स्थान
निशीथ
दशाश्रुत दशवैकालिक | बृहत्कल्प ओघ नियुक्ति | व्यवहार
जीतकल्प महानिशीथ
| देवेन्द्र स्तव | नन्दी | तंदुल वैचारिक | अनुयोगद्वार | गणि विद्या आतुरप्रत्याख्यान महाप्रत्याख्यान
गच्छाचार
For Private & Personal Use Only
आचार
औपपातिक सूत्रकृत
राज प्रश्नीय
जीवाभिगम समवाय
प्रज्ञापना व्याख्या प्रज्ञप्ति सूर्य प्रज्ञप्ति ज्ञाता धर्म कथा चंद्र प्रज्ञप्ति उपासक दशा जंबूद्वीप प्रज्ञप्ति अंतकृत् दशा । निरयावलिका अनुत्तरोपपातिकदशा कल्पावतंसिका प्रश्न व्याकरण
पुष्पिता विपाक श्रुत
पुष्प चूलिका वृष्णि दशा
भक्त परिज्ञा मरण समाधि संस्तारक चतुः शरण
1. आगम साहित्य की विशेष जानकारी के लिए देखिये "आर्हत् आगमो नु अवलोकन" और "पंतालीस आगम"
(लेखक प्रो० हीरालाल र० कापड़िया)
ज्ञानसार
www.jainelibrary.org