Book Title: Gyansara
Author(s): Yashovijay Upadhyay, Bhadraguptasuri
Publisher: Vishvakalyan Prakashan Trust Mehsana

View full book text
Previous | Next

Page 630
________________ श्री विश्वकल्याण प्रकाशन ट्रस्ट : मेहसाना द्वारा प्रकाशित हिन्दी साहित्य ● धम्मं सरणं पवज्जामि भाग १/२/३/४ · ज्ञानसार (संपूर्ण) ■ प्रशमरति भा. १/२ ■ प्रीत किये दुःख होय २०-०० ■ जिन्दगी इम्तिहान लेती है २०-०० न म्रियते I १०-०० ■ नैन बहे दिन रैन १०-०० ■ सबसे ऊंची प्रेम सगाई १०-०० ■ तीन पुरुषार्थ ७-०० ■ जैन धर्म ७-०० ६-०० ३-०० ३-०० ३-०० ■ राग-विराग ■ पथ के प्रदीप ■ मांगलिक ■ चैत्यवंदन सूत्र ■ प्रार्थना ■ संस्कार गोत ■ बच्चों को सुवास ■ बच्चों का जीवन ■ बच्चों का चिंतन ■ बच्चों का धर्मविज्ञान ☐ निकट भविष्य में : ■ यही है जिंदगी मारग साचा कौन बतावे ? ८०-०० Jain Education International ३०-०० ४०-०० १-०० १-०० २-०० २-०० २०० ४-०० Chaityavandan sutras in English ■ बच्चों का कर्मविज्ञान ४-०० ■ बच्चों का आत्म विज्ञान ४–०० ■ जिन दर्शन * कथा संपुट * [१२-५०] ■ कथा दीप ■ सूरज की पहली किरण कमल कोमल ■ श्रद्धा के प्रतीक ■ वीणा की झंकार मंगल मंदिर फूल पत्ती ■ गुलमोहर ■ समर्पण ■ धूप सुगंध * मिनी पुस्तिका सेट ■ मनोगंथन ■ प्रेरणा पियूष . स्वस्थ जीवन ■ सहज जीवन ■ स्वच्छ जीवन ■ विचार कण B मनः प्रसन्नता विचार दीप चिंतन दीप गुण हृष्टि ■ ■ ■ परमात्म श्रद्धा ■ हंसा तो मोती चुगे जीवन धर्म [१-५० ] ■ पाथेय ■ [ प्रत्येक ३२ पेज, जेबी साईज कीमत १ -०० For Private & Personal Use Only अंग्रेजी साहित्य : ०० ] ■ Way of life 120-00 6-00 (part-1-2-3-4) ■A code of conduct Treasure of mind Guidelines of Jainism 10-00 Science of Children 5-00 ■ [3] Books] 12-00 3Books for children ■ 13 Mini Book set 6-00 19-50 www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 628 629 630 631 632 633 634 635 636