Book Title: Gyanodaya
Author(s): Taran Taran Gyan Samsthan Chindwada
Publisher: Taran Taran Gyan Samsthan Chindwada

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Page 189
________________ मॉडल एवं अभ्यास के प्रथम वर्ष (परिचय) प्रश्न धर्म दीप्ति गाथा से जिनेंद्र विंद छंद गाथा समय-३ घंटा पूर्णांक - १०० नोट : सभी प्रश्न हल करना अनिवार्य है। शुद्ध स्पष्ट लेखन पर अंक दिए जावेंगे। प्रश्न १ - रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (अंक २ x ५= १०) (क) धम्मु जु उत्तउ............। (ख)..........प्रयोजनीय रत्नत्रय स्वरूप का वरण करते हैं। (ग) ममल पद में रमण करने से............विला जाती हैं। (घ) अर्क सुयं जिन.................. पउ। (ङ) पंच परमेष्ठीमयी शुद्धात्मतत्व की अनुभूति............है। प्रश्न २ -सत्य/असत्य कथन लिखिए (अंक २४५= १०) (क) रत्नत्रयमयी प्रयोजनीय पद ही समर्थपद है। (ख) अनंत ज्ञानमयी स्वभाव को कर्म दृष्टि से देखो। (ग) अनंत चतुष्टमयी स्वरूप में पर पदार्थों का अभाव है। (घ) ज्ञान स्वभाव की दृष्टि से कर्म मल क्षय हो जाते हैं। (ङ) अनंतवीर्य स्वरूप अनंत चतुष्टमयी आत्मा के स्वभाव को कारण विमान कहते हैं। प्रश्न ३- सही विकल्प चुनकर लिखिये - (अंक २x ५=१०) (क) परम अमृत है (१) कर्म (२) धर्म (३)शर्म (४) मर्म (ख) पंच परमेष्ठी के वाचक मंत्र है- (१) ॐ (२) ही (३) श्रीं (४) अर्ह (ङ) चैतन्य स्वभाव को उपमा दी गई है-(१) सोना (२) चांदी (३) लोहा (४) हीरा (ग) मंत्र का ध्यान करने से अपने श्रेष्ठ पद शुद्धात्म स्वरूप में लीनता होती है (१) ओम् (२) श्रीं (३) अर्ह (४) हीं। (घ) ममल स्वभाव का प्रकाश होने पर उत्पन्न नहीं होती (१) कर्म प्रकृति (२) शल्य शंका (३) कषाय (४) मिथ्यात्व प्रश्न ४ - सही जोड़ी बनाइये- स्तंभ-क स्तंभ -ख (अंक २४५=१०) पाँचनंद अर्थह जोउ ममल रस चेतक हियरा फूलना तिअर्थ की महिमा वेदक हियरा अर्थपय जिनेंद विदछंद गाथा अर्थति धर्म दीप्ति गाथा प्रश्न ५ - अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (३० शब्दों में कोई पाँच) (अंक ४४५= २०) (क) परम भाव किसे कहते हैं? (ख) सर्वश्रेष्ठ पद प्राप्त करने का क्या उपाय है? (घ) जन्म मरण का अभाव किसे कहते हैं? (ङ) जिनेंद्र परमात्मा ने अमृत रस किसे कहते हैं ? (अथवा) चेतक हियरा क्या है? (ग) धम्मु जु उत्तउ जिनवरह' अर्थति जोउ। भय विनासु भवुजु मुनहु, ममल न्यान परलोउ का क्या भावार्थ है? प्रश्न ६ - लघु उत्तरीय प्रश्न (५० शब्दों में कोई पाँच) (अंक ६४५= ३०) (१) सर्व अर्थ की सिद्धि किसे कहते हैं ? (२) ओम, हृीं, श्री मंत्र का ध्यान करने से क्या लाभ है ? (३) षट्कमल का अभिप्राय क्या है? (४) परमात्मा के उपदेशी की क्या महिमा है? (५) ज्ञान स्वभाव में रहने की अपूर्व महिमा जिनेंद विंद छंद गाथा के आधार पर बताइये। (६) धर्म का आश्रय लेने से जीव को क्या उपलब्धियाँ होती है? प्रश्न ७ - दीघ्र उत्तरीय प्रश्न - (कोई एक) (अंक १x १० = १०) (क) फूलना की कुछ पंक्तियाँ लिखते हुए धर्म दीप्ति गाथा, चेतक हियरा फूलना, जिनेंद विंद छंद गाथा में से किसी एक फूलना का सारांश लिखिए।

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