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ज्ञानभाण्डारों पर एक दृष्टिपात
अखिल भारतीय प्राच्यविद्या परिषद्के
१७वें अधिवेशनके प्रसंग पर गुजरात विद्यासभा, अहमदाबाद श्री भो. जे. अध्ययन-संशोधन विद्याभवन
__ योजित साहित्य-प्रदर्शनीके
प्रयोजक मुनि श्री पुण्यविजयजीका
तवचन
MItte
३० अक्तूबर, १९५३
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