Book Title: Gunvarma Charitra Author(s): Maganlal Hathishang Publisher: Maganlal Hathishang View full book textPage 8
________________ PP.AC.Gunratnasur M.S. छु, ते कारण सांभलो. // 16 // ते अमारा राजाने गुणोना स्थानरूप गुणावली एवा नामनी राणोछे, ते राणोनाच उदरथी उत्पन्न थयेली, प्रसिद्ध एवी रत्नावली नामनी पुत्री छे. // 17 // रूप, लावण्य, सौभाग्य अने भाग्यादि गुणावलीति नाम्नास्ति,तस्य राझी गुणालया।तत्कुदिजा सुंता रत्नावली नानाच विश्रृंता 17 रूपलावण्यसौलाग्यन्नाग्यादिगुणरंजितः // तस्याः स्वयंवरं कर्तुमारेने पतिर्मुदा // 1 // प्राकारयितमादिष्टो, निःशेषान्नपंतीनहं // प्राप्तोऽत्रापि ततः प्रीत्यां, गेभ्यतां तत्स्वयंवरे // 1 // श्रुत्वेति पतिः प्राह, युक्तमुक्तं त्वया पुनः॥ तत्र नौगमनं नावि, येतो माँ बाधते जरा॥ (उपजातिवृत्तम् ) जरा नराणां खलु काष्टकीटः, काष्टं यथांततनु जीर्णयंति // तजूंर्णपातादि शुक्ललोमा, विलोक्यतेऽसौ" किले लोकः // 21 // पायो जनाः स्युः पशवः शिशुत्वे, स्त्रीशैलिन्यां शफरा युवत्वे // .. धेमें मैतिर्यस्य न वाईकेऽपि," होहा हतोऽ'सो मृगवन्मनुष्यः // 2 // गुणथी आनंद पामेला राजाये हर्षथी ते पुत्रीनो स्वयंवर करवानो आरंभ करयो छे. // 18 // तेमां सर्वे राजा* ओने बोलावानी मने आज्ञा करेली होवाथी हं अहिं आव्यो छ माटे प्रीतिथी ते स्वयंवरने विषे पधारो.॥१९॥ | मंत्रीश्वरनां एवां वचन सांभली राजाए का. “तें योग्य का; परंतु माराथी त्यां आवी शकाशे नहि. कारण के, मने वृद्धावस्था वाधा (पीडा) करे छे. // 20 // माणिक्यांकमां कां छे के-जेम लाकडानो कीटो लाकडाने 3 अंदरथी जीर्ण करी नाखे छ तेम जरावस्था माणसोना शरीरना अंदरना भागने जीर्ण करी नाखे छे. वळी ते लाकडानो भूको पडवाथी जेम लाकडं अंदरथी सली गयेलं मालम पडे छे तेम आ वृद्ध लोक पण निश्चे धोला वालवालो देखाय छे. // 21 // घणुं करी माणसो वालपणमां पशुरूपज होय छ, युवावस्थामां स्त्रीरूप नदीने Jun Gun Aaradhak Trust //Page Navigation
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