Book Title: Gunvarma Charitra Author(s): Maganlal Hathishang Publisher: Maganlal Hathishang View full book textPage 7
________________ PP Guntars MS के होश. // 8 // पूर्वे राजगृह नगरमां श्री वीरप्रभुए जेवी रीते श्रेणिक राजानी आगल कही छे तेवी रीते आ कथा पूजाना फलने देखावामां जाणवी. // 9 // आ भरतक्षेत्रमा क्रीडा करवाना स्थान, मंदिर, गढ अने दरवाजाथी मुशोभित एवं हस्तिनापुर नामर्नु नगर छे. // 10 // ए नगरमां जैनधर्ममां तत्पर एवा नरवर्मा नामनो राजा राज्य करतो हतो. तेने शीलव्रतरूप आभूषणथी सुशोभित एवी लीलावती नामनी स्त्री हती. // 11 // ते नरवर्मा पूर्व राजगृहे 'वीरः,श्रेणिकाये जगौ यर्था॥ तथा कर्थासौ विज्ञेया, पूजाफलनिदर्शने // // हस्तिनापुरमिय॑स्ति, पुरं नरतमंमले // विहारवेश्मप्राकारप्रतोलीधारशोनितम् // 1 // नरवर्मनृपस्त्वंत्र, जिनधर्मपरोऽनवत् // प्रिया लीलावती तेस्य, शोलालंकारशालिनी // 11 // तत्कुतिनः सुतस्तस्य, गुणवर्मानिधोऽनवत्॥ कलाकलापकुशलः, कलशःस्वकुलस्य यः॥१२॥ सन्नायां संस्थिते नूपेऽन्यदा वेत्री व्यजिज्ञपत्॥ चंपापुरनराधीशमंत्रो हारे , तिष्टति // 13 // ओनयेति नेपाझप्तः, सोऽपि मंत्रिणमानयत्॥नत्वा निवि ष्टत नूपः,स्महि विस्मापयन् बुंधान / * अस्ति चंपानिरीकंपा, देशो न क्लेशैलेशन्नाकामन्मित्रं जूंपतिः शूरः,पोति राज्यं प्रतापवान् 15 अथ मंत्रीश्वरः प्रोचे, सर्वत्र कुशलं नृप // परं येनाहमायातः, कोरणं तैनिशम्यताम् 16 / | राजाने लीलावतीना उदरथी उत्पन्न थयेलो, कलाना समूहने जाणनारो अने जे पोताना कुलने पूर्ण कलशरूप एवो गुणवर्मा नामनो पुत्र हतो. // 12 // एक दिवस नरवर्मा राजा सभामां बेठो हतो, ते वखते द्वारपाले / आवीने राजने विनंति करी के, "चंपापुरीना राजानो प्रधान आपणा द्वारे आवीनै उभो छे. // 13 // रा. जाए " तेमने तेढी लाव." एम आज्ञा आपी एग्ले ते द्वारपाल पण मंत्रीने सभामा तेडी लाव्यो. त्यां राजाने नमस्कार करीने आसन उपर वेठेला ते प्रधानने राजाए विद्वानोने आश्चर्य करता छता पूछयु. // 14 // "चंपानगरी त्रासरहित छेनी ? देश जरापण क्लेशवालो नथीनी ? अने म्हारो मित्र प्रतापी शुरराजा राज्य करे छेनी?" // 15 // पछी मंत्रीश्वरे कां. “हे महाराज ! सर्व स्थानके कुशल छे; परतुं जे कारण माटे हुं आव्यो Jun Gun Arana TrustPage Navigation
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