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तक श्री मोहनखेड़ा तीर्थ की व्यवस्था हम संभालते थे, आज से आप श्री के सम्मुख इस तीर्थ की व्यवस्था अखिल भारतीय त्रिस्तुतिक संघ के प्रतिनिधियों को सौंपते हैं। आचार्य श्री ने उसी समय मांगीलालजी छाजेड़ को बुलाकर उनके संयोजन में एक समिति का अखिल भारतीय स्तर के सदस्यों का चयन किया गया एवं उन्हें तीर्थ की व्यवस्था सौंपी गई। ... पूज्यपाद आचार्य श्रीमद्विजय यतीन्द्रसू. वरजी म. सा. खाचरौद पधारे। खाचरौद श्रीसंघ ने आचार्य श्री का दीक्षा हीरक जयंती समारोह है। सं. २०१५ चैत्र सुदि पूर्णिमा को मनाने का. निश्चय किया। स्मरण रहे आचार्य श्री का दीक्षा स्थल खाचरौद है। अखिल भारतीय स्तर पर आचार्य श्री का हीरक जयंती महोत्सव विविध आयोजन से मनाने का निश्चय किया, जिसमें करि सम्मेलन, . संगीत सम्मेलन, युवा सम्मेलन, विद्वत सम्मेलन, प्रमुख आकर्षण थे। सम्मेलन में श्री यतीन्द्रसूरि हीरक शिक्षा फण्ड के नाम से एक कोष एकत्र करने का निर्णय हुआ। कोष से समाज के प्रतिभावान छात्रों को सहयोग करने का उद्देश्य था, जिस कोष के संरक्षक श्री मांगीलालजी छाजेड़ को नियुक्त किया। ___सं. २०१५ का चार्तुमास जावरा नगर में आचार्य श्री का था। वृद्धावस्था के कारण आचार्य श्री का स्वास्थ्य अनुकूल नह। होने से मुनि मंडल ने आचार्य श्री को स्थाई विराजमान करने की योजना बनाई। परम पूज्य कविरत्न मुनिराज श्री विद्याविजयजी म.सा. ने श्री मांगीलालजी छाजेड़ को बुलाकर योजना बनाई। आचार्य श्री को मोहनखेड़ा तीर्थ में विराजमान करने का निश्चय किया। मोहनखेड़ा तीर्थ में आचार्य श्री को विराजमान करने का