Book Title: Gujarati Hindi Kosh Author(s): Gujarat Vidyapith Publisher: Gujarat Vidyapith View full book textPage 7
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir , आम तैयार चयेलु काम हवे प्रवा आवण र थाय छे माता छे के, तेमने ते उपयोगी नीवडशे. विद्यापीठ आ एक कीमती काम करी माई तेथी पोताने कृतार्थ थयुं माने छे. कोशना संपादननी दृष्टिए केटलीक बाबतो कहेवा जेवी गणाय, तें उपर हवे आवं. आ कोश तैयार करती वखते गुजरातना विशाळ विद्यार्थीवर्गने नजर समक्ष राखवामां आव्यो छे. बीजी दृष्टि गुजराती भाषाना लोकभोग्य साहित्यने हिंदीमां उतारवाना कार्यमां आ कोश द्वारा कंईक मदद थशे एवी पण आशा छे. ___गुजराती अने हिंदी भाषामां घj साम्य छे. तेथी आवा कोशमां शब्दोनी पसंदगी करवामां घणी सावधानी राखवी पडे छे. संस्कृत तत्सम शब्दो, के जेनां अर्थ अने जोडणी बन्ने भाषामा सरखां होय, तेवा शब्द लीषा नथी. पण तेवा शब्दनो शब्दप्रयोग लेवा योग्य होय तो तेवा तत्सम शब्दोने स्थान आप्यु छे. उदा. सिंह; स्वभाव इ०. जोडणीमा सामान्य फरक होय तेवा समानार्थ हिंदी के उर्द-फारसी शब्दोने खास लीषा छे. उदा. 'मेहनत; जात; मा इ०' क्रियापद लगभग बर्षा लीषां छे. क्रियापदनां कर्मणि, भावे तैम ज प्रेरक रूपोमा अर्थ शक्य होय त्या सुधी आपवानों प्रयत्न करवामां आव्यों छे. जेम के, “गवा, चवायूँ' आदिना अर्थ 'गाया जाना; चबा जाना' आप्याँ छे. कोशमा आवां रूपोना पर्याय आपधार्नु उचित गणवामा नयी आयतुं. 'गार्या जाना' व्यवहारमा वापरी शंकाय छे, पन कोशमा मुकाता नथी. पण आ कोश विद्यार्थीको माटे छे, तेथी तेमने भाषांतर करती मुश्केली न पडे एम मानी, आवा पर्याय आप्या छे. - एम काम करतां आ कोशमां कुल लगभग २५ हजार शब्दो संघसवा छे. आ संख्या ठीक काम दे एवडी गणाय. आगळनी आवृत्तिओमां, जरूर प्रमाणे, वषारो थतो रहेशे. हिंदी अर्थ छूटथी आप्या छे, जेयी कोश वापरनार तेना अनेक पर्याय जाणी शके. अर्थ आपवामां बोलचालनी हिंदी-हिंदुस्तानी भाषानो सविशेष उपयोग करवामां आव्यो छे. हिंदी बहु मोटा जनसमूहनी भाषा छे. तेथी शक्य छ के, एक प्रदेशमां वपरातो शब्द ते ज रूपे बीजा प्रदेशमां न वपरातो होय. आधी पण बन्या तेटला जुदा जुदा वधु पर्याय पाप्या छे. For Private and Personal Use OnlyPage Navigation
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