Book Title: Gujarati Hindi Kosh
Author(s): Gujarat Vidyapith
Publisher: Gujarat Vidyapith

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Page 10
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir के, सांकळ (०) स्त्री०. उच्चारणमा हश्रुति, यश्रुति, पोचो अनुनासिक, पहोळा ऐं, ऑ, अने क्यांक लघुप्रयत्न अकार (जेम के रहेb) बताव्या छे. दरेक संकेतनी समज संकेतसूचीमां आपी छे. जे शब्दनो प्रयोग होय ते ए शब्दना सामान्य अर्थो पूरा थया पछी नागरीनु पूर्णविरामर्नु ।' चिहन कर्या पछी [ ] आवा कौंसमां आपवामां आव्यो छे. एक शब्दप्रयोग पूरो थाय एटले तेने छेडे ।' आq चिहन मुक्यु छे. शब्दद्रयोग पूरो थाय त्यारे गुजराती पूर्णविरामनुं .' आq चिहन मूकी कौंस पूरो कर्यों छे. ट्रॅकाणने खातर, शब्दप्रयोग लखवामां मूळ शब्द फरी न लखतां तेने स्थाने '-'आवी नानी लीटी मुकीने चलाव्यं छे. जेम के, मांख शब्दमां। [-आडा कान करवा-सुनी. अनसुनी करना। - तळे काढj = देख लेना; नजर डालना.] __ ज्यां मूळ शब्दनुं रूपांतर थईने शब्दप्रयोग बने त्यां ते शब्द आखो लख्यो छे. जेम के, आँखे पाटा बांधवा; आंखो बोचीए आववी, इ० शब्दप्रयोग कक्कावार क्रममां मुक्या छे. ज्यां मूळ शब्द आगळ कोई पद आवे तेवो शब्दप्रयोग होय, (जेम के, मों शब्दमां गळ' मों करईं, कराव) त्यां ते शब्दना सामान्य प्रयोगो पूरा थया पछी, अने तेमना क्रममा आपवामां आव्या छे. पर्यायवाचक शब्दोना अर्थ दरेक ठेकाणे लखवाने बदले एक ठेकाणे लखी बीजे ठेकाणे देखिये लखीने पछी ' ' आवा चिह्नमां ते शब्द जणाववानो रिवाज राख्यो छे. ज्यां ते शब्दना बधा अर्थ लागु न पड़ता होय त्या अर्यनो अमुक नंबर जोवानुं कह्युं छे. स्थळसंकोचने कारणे आवा पर्यायवाची शब्दो एकसाथे मूकीने पछी तेना अर्थमां 'देखिये-- आदि' कहथु छे. उदा० सांझ, सांझरे, सांझे देखिये 'सांज' आदि. - केटलाक पारिभाषिक शब्दोना हिंदीमां अर्थ आप्या पछी तेनो ' ' आवा चिह्नमा नागरी लिपिमा अंग्रेजी अर्थ आप्यो छे. संक्षेपोनी समज अ० अव्यय अ०-क्रि० अकर्मक क्रियापद । उदा० उदाहरण For Private and Personal Use Only

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