Book Title: Gujarati Hindi Kosh
Author(s): Gujarat Vidyapith
Publisher: Gujarat Vidyapith

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Page 11
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कर्मणि कर्मणि प्रयोगनुं रूप ग. गणितशास्त्र न० नपुंसक लिंग न०ब०व० नपुसंक लिंग, बहुवचन ५० पद्यमां वपरातो शब्द पुं० पुंलिंग पुं०व०व० पुंलिंग, बहुवचन प्रेरणार्थक प्रेरक भेदनुं रूप भावे भावे प्रयोग, रूप ला. लाक्षणिक वि. विशेषण वि.पुं० विशेषण, पुंलिंग वि०स्त्री. विशेषण, स्त्रीलिंग व्या. व्याकरण स० सर्वनाम सक्रि० सकर्मक क्रियापद स्त्री० स्त्रीलिंग स्त्री०ब०व० स्त्रीलिंग, बहुवचन उन्चारणनो संकेत (०) पोचो अनुनासिक छे एम बतावे छे. जेम के, आंख (०). (ऍ) पहोळो छे एम बतावे छे. जेम के, पेठे (पॅ). (ओं) पहोळो छे एम बतावे छे. जेम के, मोळं (माँ). (') वर्णनी पछी उपर मूकेलं अल्पविराम ते वर्णमां हश्रुति छ एम बतावे छे. जेम के, वीलु (वी'). (,) वर्णनी पछी नीचे मूकेलं अल्पविराम ते वर्णमां यश्रुति बतावे छे. जेम के, वाड (ड). () खोडा- चिह्न लघुप्रयत्न अकार बतावे छे. जेम के, रहे, (रहें). For Private and Personal Use Only

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