Book Title: Gommatsara Jivkand
Author(s): Nemichandra Siddhant Chakravarti, Jawaharlal Shastri
Publisher: Raghunath Jain Shodh Sansthan Jodhpur
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गाथासूची है
* गाथासूची
गाथा
पृष्ठ
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१५५
२८१
३६४
४८१ १४८
१४६
६४१
पृष्ठ মাথা १८६ : अंनोमुहमेत २४२ अंनोमुहृत्तमेत्ता ४०५ | अद्धत्तेरस वारम ४८३ : अपदिदिदपत्तेयं ४८३ । अपदिदिदपत्तया ४८८ | अप्पपरोभय ४८६ | अयदोति छ ४६७ | अयदोत्ति हु अवि ७३३ । अवरइब्वादरिम ४६३ । अवरद्ध अवस्व १० घरपरित्ता ८८ | अवरमपृणा
प्रवरा पज्जाय अवम्बरि इगि
| अवरुवारम्मि १११ / अवरे बरसंस्त्र ५२२ | अवरोग्गाहण ४४१ | अवरोमगाहण ६९१ | अवगे जूत्तागानो ४२६ अवगहिवत
अवगेहिवन ६७१ ! अबर तु नाहि
अवर दव्वमुदा
अवरंसमुदा हाति ६१ अरसमुदा मा ४२५ | प्रवरं होदि ग्रन २१८ । अवहीर तेत्तीस
अवहीयदि ति प्रोही प्रध्वाधादी ग्रंतो अमहायणाण अमुराणमसंम्वे
असुराणमसं ६८ | असुहारणं वर
अइभीमदंसरगण अंगूलनसंख अंगलग्रसंस्त्र अंगुलमख अंगुल असंख अंगुलप्रसंख अंगुल असंख अंगुलप्रसंख अंगुलअसंख अंगुलमावलिया अंगोवंमृदयादो अज्जज्जमेणगुण प्रज्जवमलेच्छ अज्जीवेमु य रूबी अट्टत्तीसलवा अटुबिहक्रम्म अट्टाह कम्मारगं अट्ठारसछत्तीस अट्ट व सयसहम्सा अडकोडिएय प्रणाणतियं होदि अण्णांगणावयारेण मणुलोहं वेदनो अणुलोहं वेदना अणुसंखामने अत्यावरं च अत्यादो अत्यंतर अस्थि अांना जीवा अंतरभावापब अंतरमहरुक्म्म अंतोमुहृत्तकाल अंगोमुत्तमेते अंतोभूहनमेनो
४०५ १४६
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