Book Title: Gommatsara Jivkand
Author(s): Nemichandra Siddhant Chakravarti, Jawaharlal Shastri
Publisher: Raghunath Jain Shodh Sansthan Jodhpur
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७६६/गो. सा. जीवकाश
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पृष्ठ | गाथा २७७ / बी जे जोरणीभूदे ६६६ | बेसदायगर
३४४ ३४५
४६५
गाथा पुढवी आदि चाह पुदबी जलंच पुण्याजहरगं परिसिच्छिसंद पुरुगुणभोगे पुरुमहदारु पूवं जलथल पुवापुवाफदढय पुहपुहकसाय पोग्गल दवम्हि पोग्गलदबायां पोतजरायुज
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४६७
भत्तं देवी चंदापह भरङ्गम्मि अद्ध भवतियारण भवपनइगो ओही भवपच्चइगो सुर भन्वत्तरणस्स जोग्गा भवासम्मत्तावि भविया सिद्धी भावाणं सामण्ण भावादो छल्लेम्सा भासमवम्ग भिण्णसमयसिद्ध भुमाउतेउ भूपाउतेउवाऊ भोगा पुण्याग
६१६
फासरसगंध
७०२ ३८६ २४८
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बंधो समयप वहुबहुविहं च बहुभागे समभागो बहुवत्तिजादि बहुविहबहप्प बादरमाऊ चादरतेऊबाऊ बादरपुण्सातेऊ बादरबादर बादरमुहमे बादरसुहमा बादरसहम बादरसंजल बादरसंजालग बाबीस सत्त बारुतरसय बाहिरपायोहिं बितिनप पूण्ण बितिचपमाग बिदियुवसम विहि तिहि चदुहि
मग्गणउवजोगा
मभिमसेरा ३०५ । मज्झिमचउ ३३८ मज्झिमदव्वं खेतं ६६६ मज्झिमपदकावर ११६ मति जदो २४.७ । मगादववग्गरगा
मगदव्ववागरा मरणपज्जब च
मरणपज्जन च १५५ मगणपज्जबपरिहारो ४२६ मणबयणारा
| मग बयरमारणं १४१ मरणसहियाएं २४८ मणुसिणिपमत्त
मदिनावरण २७५ । मदिसुदप्रोही
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