Book Title: Gommatsara Jivkand
Author(s): Nemichandra Siddhant Chakravarti, Jawaharlal Shastri
Publisher: Raghunath Jain Shodh Sansthan Jodhpur

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Page 824
________________ ७१०/गो. सा. जीवकाण्ड पृष्ठ १४८ : गाया ग्रहमिदा जह देवा अहिमुहणियमिय अहियारो पाहुडयं १२४ : : पृष्ठ | गाथा इगिपूरिसे वत्तीम इगिवणां इगि ४२१ इगिवितिनपण इगि विनि चव च इगियीसमोह इच्छिन्दरासिन्छ इंदियकाये | इंदियकायाकगि इंदिय गोइंदिय इंदियमगोदिणा इह जाहि बाहिया २७६ पाउढरासि मागासं बज्जित्ता স্বাগবগি पादिमछद्राण आदिमसम्मत ५०३ GFG १८२ ५.१७ प्रादेसे १८५ ४४० | | ईहगाकरगण + '* 990 ० " भाभीयमासुर प्रामणि पारण मायारे मुद्दयडे प्रावलिनसंखसं प्रावलिअसंखभा प्रावलिअसंख ग्रावलिअसंख प्रावलिअसंख श्रावलिनसंख प्रावलिअसंख प्रावलिअसंख पावलियपुधत्त आवासया हु प्रासवसंवर प्राहरदि अगरण आहदि सरोगग आहारसरीरि माहारदंसारण पाहारस्सुदयेण आहारयमुनस्थं अाहारकायजो आहारवगणादो ग्राहार मारणं भाहारो पजसे उक्कम्मदिदि उक्कस्ससंखमेत्तं उत्तमप्रगम्हि उदया वणसरी उदये दु अपुण्ण उदये दुवणफ उपायपुग्वगाणिय उबजागो बाण उबधरणदंसरणरण उन्नवादगब्भजेसु उववादमारगनिय उनबादा सुरशिया उनबादे अच्चित्तं उबबादे शीदुसरा उन्त्रसमसुहमाहारे उबसंते खोग उबसतवीरा उववादे पदम नजनक बउरक .w Wी muln6Nn.ki.MA.....1 mod.com NANGKa x० ०. 1. Mr.REG. ४०५ | एइंदियपहदी ४४१ | गइंदियरस.स इगिद्गपंच

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