Book Title: Eso Panch Namukkaoro Author(s): Mahapragna Acharya Publisher: Adarsh Sahitya SanghPage 13
________________ नमस्कार महामंत्र पवित्र आत्माओं की वंदना का अमोघ स्मृति - पीठ है । न कोई व्यक्ति और न कोई संप्रदाय । केवल आत्मा और परमात्मा । केवल साधना और केवल विशुद्धि | शक्तिशाली वर्णों का विन्यास । विधि से किया गया पाठ कभी निष्फल नहीं होता । पुराने संस्कारों की निर्जरा और साथ-साथ प्रासंगिक भावना सिद्धि | सब कुछ होता है पवित्रता के परिपार्श्व में । इस ग्रंथ को सभी जैन- अजैन लोगों ने अपना बनाया है और इसकी साधना को शीर्ष स्थान दिया है। आदर्श साहित्य संघ द्वारा प्रकाशित होने वाला ग्यारहवां संस्करण अनेक नए पाठकों के लिए ध्येय की उपलब्धि का साधन बनेगा । जैन विश्व भारती लाडनूं. २२ अक्टूबर १६६५ ग्यारहवां संस्करण Jain Education International For Private & Personal Use Only आचार्य महाप्रज्ञ www.jainelibrary.orgPage Navigation
1 ... 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 ... 178