Book Title: Eso Panch Namukkaoro
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Adarsh Sahitya Sangh

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Page 12
________________ पाठक वर्ग ने संप्रति प्रकाशित होने वाले ध्यान-संबंधी ग्रन्थों के प्रति जो भावना प्रदर्शित की है, जिस अभिरुचि से उन्हें पढ़ा है और उसके आधार पर प्रयोग का प्रयत्न किया है, उससे उस क्षेत्र में उञ्चल संभावनाएं जन्म ले रही हैं। मैं मंगल भावना करता हूं कि जन-जन में अध्यात्म की भावना जागे। प्रत्येक व्यक्ति अपने अस्तित्व को जाने, पहचाने। मैं फिर एक बार पूज्य गुरुदेव के प्रति श्रद्धा-प्रणत प्रणाम करता हूं और कामना करता हूं कि उनके पथ-दर्शन से समूची मानव-जाति का पथ आलोकित बने । आचार्य महाप्रज्ञ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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