Book Title: Drusthant Katha
Author(s): Shrimad Rajchandra, Hansraj Jain
Publisher: Shrimad Rajchandra Ashram

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Page 20
________________ राजाधिराज भरतेश्वरका राज्य वैभव स्त्रीधन पुत्रपरिवार छ खंडके अधिपति भरतेश्वर Oi Copenen धनदौलत भरत महाराजाकी आदर्शभुवनमें अंगूठी निकल जाने पर संगीत, नृत्य, नाटक आदि वैराग्यके विचारसे केवलज्ञानको पाया भरतेश्वरका केश लोच हजारो घोडे, हाथीका पशुधन ABO भरतेश्वर केवलज्ञानी १७

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