Book Title: Drusthant Katha Author(s): Shrimad Rajchandra, Hansraj Jain Publisher: Shrimad Rajchandra Ashram View full book textPage 35
________________ रुक्मिणीको मुनिके प्रति प्रेम वज्रस्वामी मुनिके साथ रुक्मिणीका मोहगर्भित वार्तालाप ३२ शेठने मुनिको पुत्री और धन अर्पण किया मुनि चलित नहीं होनेसे रुक्मिणीने भी दीक्षा ले लीPage Navigation
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