________________
10. अष्ट पाहुड (हिन्दी वचनिका सहित) कुन्दकुंदाचार्य, प्र. अनन्तकीर्ति
माणिकचन्द्र ग्रन्थमाला, बम्बई, प्र.सं. 1916. 11. अष्टसहस्री - विद्यानन्दि स. गुरुवर गोपालदास, प्रं. नाथूलाल गांधी श्री
नाथारंगजी, सन् 1915. 12. अहँत-प्रवचन - स.पं. चेनसुखदास, प्र. आत्मोदय ग्रन्थमाला. 13. आगमयुग का जैन दर्शन - पं. दलसुख मालवणिया, प्र. सन्मति ज्ञानपीठ,
आगरा, सन् 1966. 14. आचारांग चयनिका - सं. डॉ. कमलचन्द सोगानी, प्र. प्राकृत भारती
अकादमी, जयपुर दि. सं. 1987 15. आचारांग नियुक्ति - भद्रबाहु (दि.) प्र. सिद्धचक्र साहित्य प्रचारक
समिति, बम्बई, वि.सं. 1935. 16. आत्मानुशासन - ले. गुणभद्र, सं. बालचंद सिद्धांतशास्त्री प्र. जैन संस्कृति
संरक्षक संघ सोलापुर, तृ. सं. 1987. 17. आत्ममीमांसा - (हिन्दी विवेचन सहित) पं. मूलचन्द्रजी शास्त्री, प्र. श्री
शान्तिवीर दि. जैन संस्थान, सन् 1970. 18. आत्मवाद - ले. मुनि फूलचन्द 'श्रमण' सं. मुनि समदर्शी, प्र. प्राचार्य
श्री आत्माराम जैन प्रकाशन समिति, जैन स्थानक, लुधियाना प्र. सं. 1965. 19. आत्म तत्व विचार - प्रथम भाग, श्रीमद् लक्ष्मण सूरीश्वरजी म., सं.
श्री कीर्तिविजय गणिवर, प्र.बी. बी. मेहता. 20. आत्म-प्रसिद्धि - ले. हरिलाल जैन, श्री सेठी दि. जैन ग्रंथमाला, बम्बई,
वी. नि. सं. 2490. 21. आत्ममीमांसा की तत्वदीपिका नामक व्याख्या - रचित आ. समन्तभद्र
ले. प्रो. उदयचन्द्र जैन, प्र. श्री गणेशवर्णी दिगम्बर जैन संस्थान मारिया,
वाराणसी प्र. सं. वी. नि. सं. 2401. 22. आप्त परीक्षा - विद्यानन्द, अनु. पं. दरबारीलाल जैन, प्र. वीर सेवा
मंदिर, सहारनपुर, सन् 1949.
227
Jain Education International 2010_03
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org