Book Title: Dravyavigyan
Author(s): Vidyutprabhashreeji
Publisher: Prakrit Bharti Academy

View full book text
Previous | Next

Page 262
________________ 93. 94. पंचाध्यायी (पूर्वार्ध-उत्तरार्ध) : पं. राजमल, सं. पं. फूलचंद सिद्धान्त शास्त्री, वर्णी ग्रन्थमाला वाराणसी. 95. पतंजलि योगदर्शन भाष्य: महर्षि व्यासदेव, प्र. श्री लक्ष्मी निवास चड़क, अजमेरत द्वितीय सं. सन् 1961. प्रवचनसारः कुन्दकुन्दाचार्य- संपादक आ. ने उपाध्ये, प्र. परम श्रुत प्रभावक मण्डल, श्री मद् राजचन्द्र जैन शास्त्रमाला, अगास तृतीय सं. 1964. 96. पुरुषार्थ सिद्धयुपाय ( हिन्दी अनुवाद सहित ) : अमृतचन्द्रसूरि प्र. भा. जै. सि. प्र. सं. कलकत्ता, वी. सं. 2452. 97. 98. 99. परमात्म प्रकाशः (संस्कृत वृत्ति एवं हिन्दी भाषा टीका सहित ) : योगीन्द्र देव, सं. आदिनाथ नेमीनाथ उपाध्ये, प्र. परमश्रुत प्रभाकर मण्डल, रायचन्द्र जैन शास्त्रमाला जौहरी बाजार, बम्बई -2, द्वितीय सं. वि. सं. 2017 प्रमाण प्रमेय कलिका रचित नरेन्द्रसेन, ले. श्री हीरालाल शास्त्री, सं. दरबारीलाल जैन, प्र. भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, प्र. सं. वी. नि. सं. 2487. - पंचास्तिकाय संग्रह ( हिन्दी अनुवाद सहित ) प्राप्ति स्थान श्री दिगम्बर जैन स्वाध्याय मन्दिर ट्रस्ट सोनगढ़ (सौराष्ट्र ) 100. पाश्चात्य आधुनिक दर्शन की समीक्षात्मक व्याख्या सं. या. मसीह, प्र. मोतीलाल बनारसीदास, बंगलो रोड़ जवाहरनगर, दिल्ली, प्र. सं. 1933. 101. प्रशमरति प्रथम भाग, रचित उमास्वाति, विवेचन भद्रगुप्त विजयजी गणिवर, प्र. श्री विश्वकल्याण प्रकाशन ट्रस्ट, कम्बोईनगर के पास, मेहसाना ( गुज.) प्र. सं. वि. सं. 2042. - 102. प्रशमरति द्वितीय भाग, रचित उमास्वाति, विवेचन भद्रगुप्तविजयजी गणिवर, प्र. श्री विश्वकल्याण प्रकाशन ट्रस्ट, कम्बोई नगर के पास मेहसाना ( गुज.) प्र. सं. वि. सं. 2042. - 103. प्रश्न व्याकरण सूत्र - अनुवादक हस्तिमलजी मुनि प्र. श्री हस्तिमलजी सुराणा, पाली, सन् 1950. Jain Education International 2010_03 234 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 260 261 262 263 264 265 266 267 268 269 270