Book Title: Dravyavigyan
Author(s): Vidyutprabhashreeji
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 260
________________ 72. नयचक्र, माइल्ल धवल - सं. और हिन्दी टीका व्याख्याकार पं. कैलाशचन्द्र शास्त्रीत प्र. भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, प्र. सं. 1971. 73. न्यायकुमुदचन्द्र - प्रभाचन्दाचार्य (भाग 1-2) सं. पं. महेन्द्रकुमार न्यायशास्त्री, प्र. - मंत्री श्री नाथूराम प्रेमी माणिकचन्द्र दि. जैन ग्रन्थमाला, हीराबाग, गिरगांव, बम्बई-4, प्रथमावृत्ति, वी. नि. सं. 2464. 74. न्यायदीपिका, अभिनव धर्म भूषण, सं. और अनुवादक न्यायाचार्य पं. दरबारीलाल जैन कोठिया, प्र. - वीर सेवा मंदिर, सरसावा, जिला सहारनपुर, प्रथमावृत्ति 1945. 75. न्यायदर्शन (वात्सयायन भाष्य सहित) सं. श्री नारायण मिश्र, प्र. - चौखम्भा सं. सीरिज वाराणसी, द्वितीय सं. 1970. 76. न्यायविनिश्चय विवरण, भट्टाकलंक देव, सं. पं. महेन्द्रकुमार जैन, प्र. भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, प्र. सं. 1954. 77. न्यायसूत्रः गौतम ऋषि, सं. पं. श्री रामशर्मा, आचार्य संस्कृति संस्थान, बरेली, प्र. सं. 1964. 78. न्यायावतार वार्तिक वृत्तिः शान्तिसूरि, सं. पं. दलमुख-मालवणिया, प्र. सिंधी जैन शास्त्र शिक्षापीठ, भारतीय विद्याभवन, बम्बई, प्रथमावृत्ति, सन् 1949. 79. नयचक्रसार अने गुरु गुण छत्तीसी - श्रीमद्देवचन्द्रजी श्री अध्यात्म दर्शन प्रचारक मण्डल पाडरा द्वितीयावृत्ति संवत् 1985. 80. नन्दीसूत्र - व्या. श्री आत्मारामजी म., प्र. आ. श्री आत्मारामजी जैन समिति, लुधियाना, सन् 1966. 81. नय दर्पण - भाग प्रथम, द्वितीय, ले. जिनेन्द्रवर्णी, प्र. दि. जैन पारमर्थिक संस्थाएँ जवेरीबाग, इन्दौर (म.प्र.) प्र. सं. 1965: 82. प्रज्ञापना सूत्र - प्रथम खण्ड, सं. ज्ञानमुनि, प्र. श्री आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर (राज.) प्र. सं. 1983. 83. प्रज्ञापना सूत्र - द्वितीय खण्ड, सं. ज्ञानमुनि, प्र. श्री आगम प्रकाशन - 232 Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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