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128. व्याख्याप्रज्ञप्ति सूत्र - तृतीय भाग, सं. अमरमुनि, प्र. श्री आगम प्रकाशन
- समिति, ब्यावर (राज.) प्र. सं. 1985. 129. व्याख्याप्रज्ञप्ति सूत्र - चतुर्थ भाग, सं. अमरमुनि, प्र. श्री आगम प्रकाशन
- समिति, ब्यावर (राज.) प्र. सं. 1986. 130. विशेषावश्यक भाष्य - भाग प्रथम, श्री जिनभद्रगणि क्षमा श्रमण विरचित,
मलधारी श्री हेमचंद्रसूरि विरचितम्, प्र. दिव्य दर्शन ट्रस्ट 68 गुलालवाड़ी,
तीसरा माल बम्बई, प्र. सं. 2039. 131. विशेषावश्यक भाष्य - द्वितीय भाग, श्री जिनभद्रगणि क्षमाश्रमण विरचित,
मलधारी श्री हेमचंद्रसूरि विरचितम्, प्र. दिव्य दर्शन ट्रस्ट 68 गुलालवाड़ी,
तीसरा माल बम्बई, प्र. सं. 2039. 132. राजप्रश्नीय सूत्र - द्वितीय खण्ड, सं. रतनमुनि, प्र. श्री आगम प्रकाशन
___ - समिति, जैन स्थानक, पीपलिया बाजार ब्यावर (राज.) प्र. सं. 1982. 133. श्री ललित विस्तरा - हिन्दी विवेचन प्रकाशन सहित, रचित आ. श्री
हरिभद्र सूरीश्वर। 134. शास्त्रवार्ता-समुच्चय और उसकी स्याद्वाद-कल्पलता टीका, रचित आ.
हरिभद्रसूरीश्वर, व्याख्याकार यशोविजय गणिवर्य, हिन्दी विवेचन पं. श्री बदरीनाथजी प्रथम स्तबक, प्रकाशक चौखम्भा ओरियन्टालिया, पो. आ. चौखम्भा. पो. बाक्स न. 32 गोकुल भवन के. 37/109 गोपाल मन्दिर
लेन, वाराणसी, प्र. सं. 1977. 135. शास्त्रवार्ता-समुच्चय और उसकी स्याद्वाद कल्पलता, द्वितीय स्तबक, रचित
आ. हरिभद्रसूरीश्वर, व्या. यशोविजय गणिवर्य, हिन्दी विवेचन पं. श्री
बदरीनाथजी, प्र. दिव्य दर्शन ट्रस्ट, 68 गुलालवाड़ी, बम्बई-4 136. शास्त्रवार्ता-समुच्चय और उसकी स्याद्वाद-कल्पलता, तृतीय स्तबक, रचित
आ. हरिभद्रसूरीश्वर, व्या. यशोविजय गणिवर्य हिन्दी विवचन पं. श्री
बदरीनाथजी, प्र. दिव्य दर्शन ट्रस्ट, 68 गुलालवाड़ी, बम्बई-4 137. शास्त्रवार्ता-समुच्चय और उसकी स्याद्वाद-कल्पलता, चतुर्थ स्तबक, रचित
आ. हरिभद्रसूरीश्वर, व्या. यशोविजय गणिवर्य, हिन्दी विवेचन पं. श्री
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