Book Title: Dravyavigyan
Author(s): Vidyutprabhashreeji
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 264
________________ 116. मुण्डकोपनिषद् - गीता प्रेस गोरखपुर 117. योगसार (हिन्दी अनुवाद सहित): अमित गति, प्र. भारतीय जैन सिद्धान्त प्रकाशिनी संस्था कलकत्ता, प्र. सं. वी. नि. सं. 2444. 118. योगसार (परमात्म प्रकाश के अन्तर्गत संस्कृत छाया और हिन्दी सार), योगीन्द्र देव, प्र. परमश्रुत प्रभावक मण्डल, श्री राजचन्द्र जैन शास्त्रमाला, द्वि. सं. वि. सं. 2017. 119. योगदृष्टि समुच्चय - आ. हरिभद्रसूरीश्वर रचित, व्याख्याता भुवनभानु सूरीश्वर, सं. पद्मसेन विजय, प्रथम भाग, प्र. दिव्य दर्शन ट्रस्ट 68 गुलालबाड़ी बम्बई, प्र. सं. वि. सं. 2040. 120. वसुनन्दि श्रावकाचार - आ. वसुनन्दित सं. हीरालाल सिद्धान्त शास्त्री, प्र. भारतीय ज्ञानपीठ काशी प्र. सं. 121. वैशेषिक दर्शन (प्रशस्त पादभाष्य): महर्षि प्रशस्तपाद देव. चौखम्भा संस्कृत सीरिज आफिस वाराणसी, प्र. सं. 1966. 122. विवाहपण्णतिसूत्रं - प्रथम भाग पं. बेचरदास जीवराज दोसी, प्र. श्री महावीर जैन विद्यालय, बम्बई, प्र. सं. 1974. 123. विवाहपण्णति सूत्रं - द्वितीय भाग, सं. पं. बेचरदास जीवराज दोसी प्र. श्री महावीर जैन विद्यालय, बम्बई, प्र. सं. 1978. 124. विवाहपण्णति सूत्रं - तृतीय भाग, सं. पं. बेचरदास जीवराज दोसी, प्र. श्री महावीर जैन विद्यालय, बम्बई प्र. सं. 1978. 125. विवाहपण्णति सूत्रं - चतुर्थ भाग, सं. पं. बेचरदास जीवराज दोसी, प्र. श्री महावीर जैन विद्यालय, बम्बई, प्र. सं. 1978. 126. व्याख्याप्रज्ञप्ति सूत्र - प्रथम भाग, सं. अमरमुनि, प्र. श्री आगम प्रकाशन - समिति ब्यावर (राज.) प्र. सं. 1982. 127. व्याख्याप्रज्ञप्ति सूत्र - द्वितीय भाग, सं. अमरमुनि, प्र. श्री आगम प्रकाान __ - समिति, ब्यावर (राज.) प्र. सं. 1983. 236 Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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