Book Title: Dravya Vigyan
Author(s): Vidyutprabhashreejiji
Publisher: Bhaiji Prakashan

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Page 2
________________ पू. बहिन म. साध्वी डॉ. विद्युत्प्रभाश्रीजी म.सा. जन्म - मोकलसर वि.स. २०२०, ज्येष्ठ शुक्ला ६ ता. २८/५/१९६३ माता - रोहिणी देवी लूंकड ( पू. माताजी म. साध्वी श्री रतनमालाश्रीजी म.) पिता - स्व. श्री पारसमलजी लूंकड दीक्षा - पालीताणा, वि.स. २०३०, आषाढ शुक्ला ७, ता. २३/६/१९६३ को माताजी एवं भाई के साथ पू. आचार्य श्री दीक्षा प्रदाता जिनकान्तिसागरसूरीश्वरजी म.सा. गुरूवर्या - पू. आगम ज्योति प्रवर्त्तिनी श्री प्रमोद श्रीजी म. सा. परिवार से दीक्षित पू. उपाध्याय श्री मणिप्रभसागरजी म.सा. (भाई म.) पू. माताजी म. श्री रतनमालाश्रीजी म.सा. (माताजी म.) पू. मुनिश्री मनितप्रभसागरजी म. (चचेरे अनुज) पू. साध्वी डॉ. नीलांजनाश्रीजी म. ( चचेरी अनुजा) 1 अध्ययन – संस्कृत, प्राकृत, न्याय, व्याकरण, एवं आगमिक अध्ययन के साथ राजस्थान वि.वि. से एम.ए. (दर्शन शास्त्र) एवं गुजरात वि.वि. से षड्द्रव्याधारित 'द्रव्यविज्ञान' पर 'डॉक्टरेट' की उपाधि से विभूषित । व्यक्तित्व - लेखन एवं प्रवचन के क्षेत्र में अनूठी छाप गुरूदेव, कुशलगुरुदेव, स्वप्नदृष्टा, राही और रास्ता, भीगी भीगी खुश्बू प्रीत की रीत, विद्युत तरंगे, द्रव्यविज्ञान, अधूरा सपना आदि अनेकानेक पुस्तकों विशिष्ट शैली में लेखन । इसके अतिरिक्त अनेक पुस्तकों का संपादन ! प्रवचन की प्रांजतता, चेहेरे की सौम्यता, तर्क की प्रखरता, एवं वाणी की आकर्षण । Jain Education International न्तिसागरसूरि स्मारक मांडवला जालोर (राज.) citate Use Only Π www.jainelibrary.org

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