Book Title: Dighnikayo Part 3
Author(s): Vipassana Research Institute Igatpuri
Publisher: Vipassana Research Institute Igatpuri

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Page 6
________________ विसय-सूची प्रस्तुत ग्रंथ सुत्त-सार Present Text रररर ४६ ४७ ५२ ५४ १. पाथिकसुत्तं सुनक्खत्तवत्थु कोरक्खत्तियवत्थु अचेलकळारमट्टकवत्थु अचेलपाथिकपुत्तवत्थु इद्धिपाटिहारियकथा अग्गजपत्तिकथा २. उदुम्बरिकसुत्तं निग्रोधपरिब्बाजकवत्थु तपोजिगुच्छावादो उपक्किलेसो परिसुद्धपपटिकप्पत्तकथा परिसुद्धतचप्पत्तकथा परिसुद्धफेग्गुप्पत्तकथा परिसुद्धअग्गप्पत्तसारप्पत्तकथा निग्रोधस्स पज्झायनं ब्रह्मचरियपरियोसानसच्छिकिरिया परिब्बाजकानं पज्झायनं ३. चक्कवत्तिसुत्तं अत्तदीपसरणता दळहनेमिचक्कवत्तिराजा चक्कवत्तिअरियवत्तं चक्करतनपातुभावो दुतियादिचक्कवत्तिकथा आयुवण्णादिपरियानिकथा दसवस्सायुकसमयो आयुवण्णादिवड्डनकथा सङ्घराजउप्पत्ति मेत्तेय्यबुद्धप्पादो भिक्खुनोआयुवण्णादिवड्डनकथा ४. अग्गझसुत्तं वासेट्ठभारद्वाजा चतुवण्णसुद्धि रसपथविपातुभावो चन्दिमसूरियादिपातुभावो भूमिपप्पटकपातुभावो पदालतापातुभावो अकट्ठपाकसालिपातुभावो इत्थिपुरिसलिङ्गपातुभावो मेथुनधम्मसमाचारो सालिविभागो 33333 33Woro ६२ ६३ rrrrr My My my my my my my o ww Vor 5 w 9 Voo ६४ w w s ६६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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