Book Title: Dighnikayo Part 2
Author(s): Vipassana Research Institute Igatpuri
Publisher: Vipassana Research Institute Igatpuri
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[छ -झ]
सद्दानुक्कमणिका
[११]
२३४ चित्रा सुपण्णा-१९० चिरट्ठितिको-१३२ चुन्द-९६,९७,१०३ चुन्दकं- १०२ चेतसिकं-२२९ चेतियचारिकं-१०६ चेतियं-७९, ९०, ९१, १२०, १२२ चेतिवंसेसु-१४८, १४९, १५० चेतोपरियाणं-६५ चेतोविमुत्तिं-५५, ७२, १८४ चेतोसमाधि-७८ चोरउपमा-२४० चोरघाता-२४० चोरपपाते -८९ चोरपपातो-९०
जनपदा-२५३ जनवसभो-१५१, १५२, १६१ जनिन्दं-२०२ जम्बुगामो-९४ जम्बुदीपे-३७,१२६ जरा-१७, १८, १९, २०, २१, २२८,२२९ जराधम्मा-१७,२२९ जरामरणनिरोधोति-२५ जरामरणं-२३, २५, २७, ४४,४५ जाति-१२, १७, १८, १९, २०, २१, २४, २५, २६,
४४,४५, ५३,११५, २२८, २२९ जातिजरामरणं-४९ जातिधम्मा-२२९ जातिनिरोधो-२७ जातिपच्चया-२३, २५, ४३,४४ जानता-१५७,१५८,१५९,१६० जालस्स-१३६ जिव्हञ्च-२२४ जिव्हाविज्ञाणं-२३०, २३२ जिव्हाविनेय्यं-२०८ जिव्हासम्फस्सजा वेदना-४५, २३१, २३२ जीवकम्बवने- ९० जीवकम्बवनं-९० जीवितसङ्खारं-७७ जीवितिन्द्रियस्सुपच्छेदो-२२८ जेतवने-१ जोतिपालो-१७०
छन्दजातिकं-२०४ छन्दरागनिरोधा-४७ छन्दरागं-४६,४७. छन्दसमाधिप्पधानसङ्खारसमन्नागतंइद्धिपादंभावेति-१५७ छन्दसमुदयं-२०४ छन्नो-११५ छम्भितत्तं-१७६ छविवण्णो-१०१,१४१ छिन्नवटुमे-६,७,८, ४२
जच्चन्धूपमो - २४५ जज्जरसकटं-७८ जटिलो-२५१, २५२ जनपदचारिकं-३७ जनपदत्थावरियप्पत्तो-१२,१३,१५,१२७
झानरता-१९५ झानसम्पत्ति-१३८ झानं-११६, ११७, १३९, १७४, १७५, २३४, २३५ झायति-१७४, १७५
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