Book Title: Dhyanastav
Author(s): Bhaskarnandi, Suzuko Ohira
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 83
________________ पूज्यपाद अपरनाम देवनन्दि : 'समाधिशतक', कामता प्रसाद जैनके अंगरेजी अनुवाद सहित। ( जैन अकादमी पब्लिकेशन्स, २) अलीगंज, १९६२ । सोमदेव : 'यशस्तिलक', श्रुतसागरकी टीका सहित, वा. २ ( काव्यमाला ७० ) बम्बई, १९०३ । यशस्तिलक एण्ड इण्डियन कल्चर, के. के. हन्दको द्वारा (जीवराज जैन ग्रन्थमाला, २ ) शोलापुर १९४९ । शुभचन्द्र : 'ज्ञानार्णव', पन्नालाल बाकलीवालको टीका सहित । (श्रीमद् राजचन्द्र जैनशास्त्रमाला, ४) अगास, १९६१ । भार्गव, दयानन्द : 'जैन ऐथिक्स', मोतीलाल बनारसीदास, वाराणसी, १९६८ । डिस्क्रिप्टिव कटलॉग ऑफ द गवर्नमेण्ट कलेक्शन्स ऑफ मैनुस्क्रिप्टस डिपोजिटेड ऐट द मण्डारकर ओरिएण्टल रिसर्च इन्स्टीट्यूट । जैन लिटरेचर एण्ड फिलॉसफी, वा. १७ । ( आगमिक साहित्य ), भाग ५, हीरालाल रसिकदास कापड़िया, पूना, १९५४ द्वारा सम्पादित । 'जैन शिलालेख संग्रह', वा. १ और ३ । (माणिकचन्द्र दिगम्बर जैन ग्रन्थमाला, २८ और ४६) बम्बई १९२८ और १९५७ । महेन्द्रकुमार शास्त्री : 'प्रमेयकमलमार्तण्ड', श्री प्रभाचन्द्र रचित, भूमिका, बम्बई, सत्यभामाबाई पाण्डुरंग, १९४१ । मुख्तार, जुगलकिशोर : 'जैनग्रन्थ प्रशस्ति संग्रह', भाग १ ( वीर सेवा मन्दिर ग्रन्थमाला १२ ) दिल्ली, १९५४ । प्रेमी, नाथूराम : 'जैन साहित्य और इतिहास', ( संशोधित साहित्य माला, १ ) हिन्दी ग्रन्थ रत्नाकर, बम्बई १९५६ । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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