Book Title: Dharmratna Prakaran Part 03
Author(s): Shantisuri, Labhsagar
Publisher: Agamoddharak Granthmala

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Page 1
________________ आगमोद्धारक-ग्रन्थमालायाः चतुस्त्रिंश रत्नम् र kkkkkkkkkkkkkkkkkILE __णमोत्थु णं समणस्स भगवओ महावीरस्स। पू० आगमोद्धारक-आचार्यप्रवर-आनन्दसागरसूरीश्वरेभ्यो नमः श्री शान्तिसूरि-पुङ्गव विरचित धर्मरत्न प्रकरण । पू० आचार्य श्री देवेन्द्रसूरि पुङ्गव विरचित टीका का हिन्दी अनुवाद सहित तीसरा भाग ★★★ ★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★ XXXX kkkkkkkkkk★★★★★★★★★★★★★★★★★★ संशोधकप० पू० गच्छाधिपति-आचार्य श्रीमन्माणिक्यसागरसूरीश्वर शिष्य शतावधानी-मुनि लाभसागर गणि वीर सं. २४९३ वि.सं. २०२३ आगमोद्धारक सं. १७ ॥ kk प्रतयः ५००] KLIC [ मूल्यम् २८०० xx★★

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